लखनऊ
पूर्ववर्ती समाजवादी पार्टी की सरकार में यूपी लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के माध्यम से हुई 20 हजार भर्तियों की जांच सीबीआई करेगी। प्रदेश सरकार की ओर से केंद्र को सीबीआई जांच के लिए अनुशंसा पत्र भेजा गया था जिसे स्वीकार करते हुए सीबीआई की ओर से जांच की स्वीकृति दे दी गई है। माना जा रहा है कि स्वीकृति के बाद जल्द ही इस मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की जा सकती है।
सीबीआई जांच के दायरे में सपा शासनकाल में 31 मार्च 2012 से लेकर 31 मार्च 2017 के बीच हुई लगभग 20 हजार भर्तियां होंगी, जिसमें पीसीएस से लेकर डॉक्टर और इंजीनियर तक के पद शामिल है। आरोप है कि नियमों को ताक पर रखकर इन भर्तियों को अंजाम दिया गया। परीक्षा केंद्रों के निर्धारण में मनमानी की गई और डॉक्टर व इंजीनियरों की भर्ती में भी खेल किया गया।
कैबिनेट ने पास किया था प्रस्ताव
इससे संबंधित लगभग 700 मामले विभिन्न अदालतों में लंबित पड़े हैं। इन सबको देखते हुए सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपीपीएससी की जांच के लिए कैबिनेट से प्रस्ताव पास कराया था, जिसके बाद अगस्त में गृह विभाग ने इसे केंद्र सरकार को भेज दिया था। इससे पूर्व राज्य सरकार पर भर्तियों में धांधली का आरोप लगाते हुए इलाहाबाद में प्रतियोगी छात्रों की ओर से कई बार प्रदर्शन किए गए थे।