मुंबई
सालों तक एक-दूसरे के साथ रहकर दहशत और वसूली को अंजाम देने वाले दाऊद इब्राहिम और छोटा शकील अब अलग हो चुके हैं। भारत के इंटेलिजेंस अधिकारी के एक सूत्र ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को यह खबर दी है। अधिकारी के अनुसार, ‘शकील और दाऊद के रास्ते अब अलग हो चुके हैं। शकील 1980 के आसपास मुंबई छोड़ने के बाद से ही दाऊद के पास कराची के रेडक्लिफ एरिया में रह रहा था। अब उसने अपना ठिकाना बदल लिया है और फिलहाल कहां है यह किसी को पता नहीं है।’
सूत्रों के हवाले से ऐसी खबर आ रही है कि दाऊद और शकील के अलग होने का कारण हाल ही में दोनों के बीच हुई झड़प है। सूत्र के अनुसार, ‘दाऊद के सबसे खास और करीबी लोगों में से एक शकील पिछले 3 दशक से उसके साथ ही है। दोनों ने एक साथ मिलकर गैंग को चलाया है। शकील की उम्र इस वक्त 50 के आसपास की होगी। दोनों के बीच हाल ही में दाऊद दे छोटे भाई अनीस के गैंग के कारोबार में हस्तक्षेप करने को लेकर बहस हुई थी। उस बहस के बाद से ही माना जा रहा है कि शकील अलग हो गया।’
सूत्रों का कहना है कि अनीस पाकिस्तान में दाऊद के साथ ही रहता है और पहले भी कई बार उसने गैंग के काम में हाथ बंटाने के बहाने दाऊद का करीबी बनने की कोशिश की। सूत्रों के अनुसार, ‘दाऊद ने हमेशा ही अपने भाइयों को गैंग में बहुत ज्यादा दखल देने से रोका है, लेकिन हाल ही में एक मीटिंग में शकील और दाऊद के बीच अनीस को लेकर कहा-सुनी हो गई। दाऊद ने शकील को गैंग से दूर रहने की हिदायत दी और दुबई में कुछ खास लोगों के साथ मीटिंग की। शकील ने भी किसी दूसरे ईस्टर्न एशियाई देश में अपने खास गुर्गों के साथ मीटिंग की है।’
इंटेलिजेंस ब्यूरो के सूत्रों का कहना है कि दाऊद और शकील के बीच हुए अलगाव से पाकिस्तान में भी सुरक्षा एजेंसियां चौकन्ना हो गईं हैं। माना जा रहा है कि अगर गैंग टूटता है तो भारत के खिलाफ होने वाली गतिविधियां अंजाम दी जा सकती है। 1993 के मुंबई बम धमाकों में दाऊद का हाथ था और शकील भी उन धमाकों को अंजाम देने वालों में मुख्य आरोपी है।
सूत्रों का यह भी कहना है कि मुंबई, दुबई और पाकिस्तान में अभी गैंग के कुछ बेहद खास लोगों को ही इस बारे में जानकारी है। मुंबई में मौजूद गैंग के गिने-चुने सदस्यों के लिए और भी असमंजस है। पिछले कई सालों से मुंबई में गैंग मेंबर छोटा शकील के आदेश को ही दाऊद का आदेश मानते थे और उसी के अनुसार काम करते थे। अब मुंबई के गैंगस्टरर्स के पास यह मुश्किल है कि वह किसे अपना बॉस मानें।