इस्लामाबाद/नई दिल्ली
पाकिस्तान ने बुधवार को इंटरनैशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) में कुलभूषण जाधव को राजनयिक पहुंच देने के भारत के अनुरोध को ठुकरा दिया। पाक ने कहा कि वियना संधि के तहत ऐसे प्रावधान जासूसों पर लागू नहीं होते हैं। गौरतलब है कि पाक की एक अदालत ने भारतीय नौसेना के पूर्व कमांडर कुलभूषण जाधव को कथित तौर पर जासूसी के आरोप में मौत की सजा सुनाई है।
पाक ने ऐसे समय में राजनयिक पहुंच देने से इनकार किया है जब कुछ दिन पहले ही उसने जाधव से मिलने के लिए उनकी मां और पत्नी को पाक आने की इजाजत दी थी। पाक मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक ICJ में दाखिल किए गए अपने जवाब में पाक ने कहा, ‘भारतीयों ने इस बात से इनकार नहीं किया है कि जाधव एक फर्जी मुस्लिम नाम वाले पासपोर्ट के साथ यात्रा कर रहे थे। इस बात का भी ब्योरा नहीं मिला है कि नौसेना का कोई कमांडर रिसर्च ऐंड अनैलेसिस विंग (RAW) के साथ कैसे काम कर सकता है? वह एक काल्पनिक नाम से यात्रा कर रहे थे, ऐसे में साफ है कि राजनयिक पहुंच भारत इसलिए मांग रहा है जिससे जाधव के पास मौजूद सूचनाएं हासिल की जा सकें।’
भारत द्वारा राजनयिक पहुंच की मांग को पाक लगातार ठुकराता आ रहा है। हालांकि पिछले हफ्ते वह इस बात पर राजी हुआ कि 25 दिसंबर को जेल में जाधव से उनकी पत्नी और मां मिल सकती हैं। बताया जा रहा है कि इस दौरान भारतीय उच्चायोग के एक अधिकारी भी वहां मौजूद रहेंगे। पाकिस्तान ने इस बात की गारंटी भी दी है कि जाधव की पत्नी और मां से कोई सवाल-जवाब नहीं किया जाएगा और न ही उनका उत्पीड़न किया जाएगा।
पाक मीडिया रिपोर्टों में अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि ‘चूंकि जाधव ड्यूटी पर थे, इससे साफ है कि वह एक जासूस हैं और उन्हें विशेष मिशन पर पाकिस्तान भेजा गया था।’ हालांकि भारत लगातार जाधव के जासूस होने के पाकिस्तानी दावे को खारिज करता आया है। मौत की सजा के फैसले के खिलाफ भारत ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, जहां 18 मई को जाधव की फांसी पर रोक लगा दी गई थी। जाधव को पाकिस्तान ने कथित रूप से मार्च 2016 में बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया था।