नई दिल्ली
ब्रिटेन की चर्चित साप्ताहिक मैगजीन ‘द इकॉनमिस्ट’ ने पीएम नरेंद्र मोदी के आर्थिक सुधारों पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि ‘वह उतने बड़े सुधारक भी नहीं है, जितना लगता है।’ इकॉनमिस्ट में लिखे गए आर्टिकल में कहा गया है कि पीएम मोदी की ओर से आर्थिक मामलों में किए गए सुधार पूरी तरह से ‘दिखावे’ जैसे हैं। उन्होंने देश और दुनिया भर की मौजूदा परिस्थितियों से लाभ उठाने का मौका गंवा दिया है। यही नहीं मैगजीन ने अपने लेख में 1 जुलाई से लागू होने वाली नई कर व्यवस्था जीएसटी को भी गैरजरूरी जटिलता और नौकरशाही की ताकत को बढ़ाने वाला करार दिया है।
इस साप्ताहिक मैगजीन ने पीएम मोदी की आर्थिक नीतियों के बारे में यह राय ऐसे वक्त में जाहिर की है, जबकि वह कुछ दिन बाद ही अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप से मुलाकात के लिए वॉशिंगटन रवाना होने वाले हैं। शनिवार से शुरू हो रही अपनी 4 दिनों की यात्रा के दौरान पीएम मोदी पुर्तगाल और नीदरलैंड का दौरा भी करेंगे। पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर बताया, ‘मेरी अमेरिका यात्रा दोनों देशों के बीच संबंधों को प्रगाढ़ करने पर केंद्रित होगी। अमेरिका और भारत के मजबूत संबंध दोनों देशों के अलावा पूरी दुनिया के लिए लाभदायी होंगे।’
गौरतलब है कि ‘द इकॉनमिस्ट’ ने अपने एक लेख में पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से लिए गए नोटबंदी के फैसले की भी आलोचना की थी। इकॉनमिस्ट ने नोटबंदी के फैसले को काउंटर-प्रॉडक्टिव और अपराधियों पर शिकंजा कसे बिना लोगों के कारोबार को प्रभावित करने वाला करार दिया था। इकॉनमिस्ट ने अपने लेख में कहा, ‘इस बात में कोई आश्चर्य नहीं है कि इकॉनमी ने पिछड़ना शुरू कर दिया है। इस साल के पहले तीन महीनों में यग 6.1% की दर से आगे बढ़ी है। यह उस दौर से काफी कम है, जब पीएम मोदी ने देश की सत्ता संभाली थी।’ हालांकि इकॉनमिस्ट ने पीएम नरेंद्र मोदी को अपने पूर्ववर्ती मनमोहन सिंह की तुलना में ऊर्जावान करार दिया है।