ईरान
ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामेनी ने ईद-उल-फितर पर प्रार्थना करते हुए वैश्विक इस्लामिक समुदाय से आग्रह किया कि वे कश्मीर, यमन और बहरीन में निर्दोश लोगों पर हो रहे हमले और उत्पीड़न की निंदा करें. AhluBAyt न्यूज एजेंसी के मुताबिक, इस्लामिक क्रांति के इस नेता ने ईद के मौके पर जुटे हजारों लोगों के सामने यह बयान दिया. तेहरान के ग्रेट मुसाला मैदान में ईद पर खामेनी ने कहा, दुनिया भर के बुद्धिजीवियों को कश्मीर जैसे मुद्दों पर अपने रुख को क्रिस्टल की तरह साफ तरीके स्पष्ट करना चाहिए. इसके लिए उन्हें ईरान से सीख लेनी चाहिए.
इस समय काफी महत्वपूर्ण और विवादित है यह बयान
बता दें कि यह पहला मौका नहीं है जब खामेनी ने आजाद कश्मीर का राग अलापा हो. लेकिन इस समय उनका बयान आना काफी विवादित और महत्वपूर्ण दोनों है. सबसे पहले तो कश्मीर में हिंसक प्रदर्शन एक बार फिर तेजी से बढ़ गया है. और दूसरा कि सोमवार को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाशिंगटन डीसी में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिल रहे हैं.
ट्रंप कर चुके हैं आलोचना
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ईरान की पुरजोर आलोचना करते रहते हैं और इस शिया देश के साथ हुए कई समझौते को तोड़ चुके हैं. ऐसे समय जब भारत और ईरान का द्विपक्षीय रिश्ता दोनों देशों के व्यापारिक रिश्ते को मजबूत कर सकता है, उस दौरान खामेनी का यह बयान दुराग्रही के रूप में काम कर सकता है.
ट्वीट कर किया आग्रह
अपने ट्वीट में खामेनी ने कहा, मुस्लिम समाज बहरीन, कश्मीर, यमन जैसे देशों के लोगों का खुलकर समर्थन करे. साथ ही रमजान के दौरान लोगों पर हमला करने वाले उत्पीड़क और तानाशाह को बाहर का रास्ता दिखाए. एक दूसरे ट्वीट में खामेनी ने कहा, बहरीन, यमन और दूसरे मुस्लिम देशों के आसपास के मुद्दों ने इस्लामी निकाय को पूरी तरह से घायल कर दिया है.
साल 2001में कश्मीर पर दिया था बयान
बता दें कि अप्रैल 2001 में खमीनी ने कहा था, हमें उम्मीद है कि कश्मीर के मुद्दे का सबसे अच्छा तरीका निकलेगा. यह इस वहां रह रहे लोगों के अधिकारों और हितों की गारंटी देने का साथ-साथ उन्हें शांति और आराम देने के लिए किया गया प्रयास होगा.