इस्लामाबाद
पाकिस्तान ने रविवार को एक बार फिर भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव तक राजनयिक पहुंच की मांग को ठुकरा दिया है। यह 18वीं बार है जब पाकिस्तान ने जाधव तक भारत की राजनयिक पहुंच की मांग को ठुकरा दिया है। बता दें कि शनिवार को भारत ने जल्द से जल्द कुलभूषण जाधव से राजनयिक भेंट की मांग दोहराई थी। शनिवार को भारत और पाकिस्तान ने एक-दूसरे की जेलों में बंद कैदियों की सूची का लेन-देन राजनयिक माध्यम से किया। इनमें सिविल कैदियों और मछुआरों के नाम भी शामिल हैं।
जाधव के अलावा भारत ने मुंबई के हामिद नेहाल अंसारी के लिए भी राजनयिक भेंट की मांग की थी। अंसारी के बारे में कहा जाता है कि 2012 में एक लड़की से ऑनलाइन दोस्ती होने पर वह अफगानिस्तान गए, जहां से अवैध रूप से पाकिस्तान पहुंच गए थे। भारत के विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया था, ‘भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान से अनुरोध किया कि वह हामिद नेहाल अंसारी और कुलभूषण जाधव सहित पाकिस्तान की जेलों में बंद भारतीय नागरिकों को जल्द पूरी राजनयिक मदद मुहैया कराए।’
वहीं पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि जाधव को एक सामान्य कैदी के तौर पर पेश को भारत तथ्यों को नकारने की कोशिश कर रहा है। मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, ‘कमांडर जाधव भारतीय नौसेना का एक अधिकारी है, जिसे भारत के खुफिया विभाग रॉ (RAW) की तरफ से जासूसी, आतंकवाद और विनाशकारी गतिविधियों के लिए पाकिस्तान भेजा गया था, जिसकी वजह से कई बेगुनाहों की जान गई।’
बता दें कि पाकिस्तानी सैन्य अदालत द्वारा जाधव को मौत की सजा सुनाए जाने के खिलाफ भारत ने इंटरनैशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) में अपील की थी। इसके बाद ICJ ने जाधव की फांसी पर रोक लगाने का फैसला लिया था। ICJ ने भारत को जाधव मामले में और दस्तावेज जमा करने के लिए 13 सितंबर तक का वक्त दिया है, जबकि पाकिस्तान को 13 दिसंबर तक अपना पक्ष रखना है। भारत पाकिस्तान से जाधव तक राजनयिक पहुंच की कई बार मांग कर चुका है लेकिन हर बार पाकिस्तान ने इस मांग को ठुकराया है। भारत ने इसे वियना समझौते का खुला उल्लंघन करार दिया है। रविवार को 18वां मौका है जब पाकिस्तान ने भारत की इस मांग को ठुकराया है।