नई दिल्ली
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) 1 जुलाई 2017 से लागू हो गया। केंद्र सरकार लोगों को इसके फायदे बता रही है, तो विपक्ष जीएसटी की कमियों को गिना रहा है। सत्ता पक्ष और विपक्ष के रारजनीतिक दांव-पेंचों के बीच कुछ बातें ऐसी रह गई हैं, जिन पर चर्चा होना बेहद जरूरी है, लेकिन इनकी बात तक नहीं हो रही है। केंद्र के इस फैसले से सबसे ज्यादा वे महिलाएं प्रभावित हो रही हैं, जो रेडलाइट एरिया में रहती हैं। वे सरकार से सवाल पूछ रही हैं कि अगर कॉन्डोम टैक्स फ्री है तो महिलाओं के सैनेट्री पैड पर टैक्स को क्यों बढ़ाया गया है।
बढ़ गई सैनेट्री पैड्स की कीमत
इंडियन एक्सप्रेस ने पश्चिम बंगाल के सोनागाछी रेड लाइट एरिया में ऊषा सहकारी बैंक के मैनेजर के हवाले से लिखा है कि जीएसटी लागू होने के बाद सैनेट्री पैड की कीमत बढ़ गई है। बैंक के मैनेजर शांतनु चटर्जी ने बताया कि उनका बैंक रेडलाइट एरिया में सैनेट्री पैड और कॉन्डोम सस्ती दरों पर उपलब्ध कराता है। शांतनु के मुताबिक, पहले कई कंपनियां उन्हें छूट देती थीं, लेकिन जीएसटी के बाद उन्होंने इससे साफ इनकार कर दिया है। ऊषा सहकारी बैंक में 30,222 सदस्य हैं, इनमें ज्यादातर यौनकर्मी हैं।