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एंबुलेंस नहीं मिली तो बेटी के शव को हाथों में लिए घूमता रहा पिता

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उदयपुरा

रायसेन जिले के उदयपुरा में सोमवार को मानवीयता को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है। सरकारी अस्पताल प्रबंधन ने जब बच्ची के शव को घर भिजवाने के लिए एंबुलेंस देने से इंकार कर दिया तो बेबस पिता अपनी 9 साल की बेटी का शव हाथों में लेकर निकल पड़ा। बाजार में भाजपा नेता सुरेंद्र सिंह राजपूत व कुछ सवाजसेवी आगे आए और उन्होंने चंद करके बच्ची का शव गांव ले जाने पिता को वाहन की व्यवस्था कर दी।

मामला यह है कि उदयपुरा से 10 किमी दूर नर्मदा तट पर स्थित ग्राम बांसखेड़ा निवासी पूरन अहिरवार रविवार को रात 1 बजे में अपनी 9 साल की बेटी सोना (छोटू) को उल्टी-दस्त होने पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र उदयपुरा इलाज कराने लाया था।

रात में बच्ची को अस्पताल में भर्ती करके इलाज किया गया। लेकिन तबीयत ज्यादा खराब होने पर ड्यूटी पर तैनात डॉ राहुल रघु ने उसे जिला अस्पताल रायसेन रेफर कर दिया। बच्ची को 108 एंबुलेंस से जिला अस्पताल भेजा गया। लेकिन रास्ते में ही गैरतगंज के पास सोना ने दम तोड़ दिया।

इसके बाद एंबुलेंस चालक बच्ची का शव लेकर वापस उदयपुरा आ गया। सोमवार को सुबह 6 बजे एंबुलेंस चालक ने बच्ची के शव को उदयपुरा अस्पताल पहुंचा दिया। इसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने पूरन को यह कहते हुए एंबुलेंस देने से इंकार कर दिया किया शव घर पहुंचाने का नियम नहीं है।

पिता ने खूब मिन्नत की कि उसके पास बच्ची का शव अपने गांव वाहन से ले जाने के लिए पैसे नहीं है। लेकिन अस्पताल में उसकी किसी ने मदद नहीं की। सुबह 7 बजे अंततः बेबस पिता ने बच्ची के शव को अपने हाथों में उठाया और गांव के लिए निकल गया।

जैसे ही वह उदयपुरा बाजार में बच्ची का शव हाथों में लिए हुए पहुंचा तो लोगों की भीड़ जमा हो गई। इसी दौरान शहर के कुछ समाजसेवी भी आ गए और बच्ची के शव को हाथों में लिए पूरन की व्यथा सुनी। भाजपा नेता सुरेंद्र राजपूत ने तुरंत चंदा करके पूरन को बच्ची का शव गांव ले जाने के लिए वाहन की व्यवस्था कर दी। इस तरह गरीब ग्रामीण अपनी लाड़ली का शव अंतिम संस्कार करने के लिए गांव पहुंचा।

चंदा कर कराया वाहन उपलब्ध कराया
सुबह 7 बजे के आसपास जब मैं मांर्निग वॉक से लौट रहा था, तब सेंट्रल बैंक के पास यह गरीब अपनी बिटिया का शव लिए चला रहा था। उसके पास बांसखेड़ा जाने के लिए ना तो कोई साधन था और ना ही पैसे तब हमने चंदा कर उसे वाहन द्वारा अपने गांव बांसखेड़ा भेजा। उसने बताया कि एम्बुलेंस ने उसे अस्पताल में ही छोड़ दिया था। -सुरेंद्र सिंह राजपूत, निवासी उदयपुरा

नाजुक हालत में लाया गया था
रात में लगभग 1 गंभीर अवस्था में सोना(छोटू)को परिजन अस्प्ताल लाए थे। यहां उसे तत्काल उपचार के बाद रायसेन के लिए रेफर कर दिया गया था। उसकी हालत नाजुक थी। वापस आने के बाद मुझे कोई जानकारी नहीं है। – डॉ. राहुल रघुवंशी, ड्यूटी पर उपस्थित चिकित्सक

एंबुलेंस ने नहीं छोड़ा
उदयपुरा से रायसेन ले जाते समय रास्ते में मेरी बेटी ने दमतोड़ दिया था। वहीं से वापिस हमें अस्पताल छोड़ा गया। बहुत कहने के बाद भी 108 एंबुलेंस वाला गांव तक नहीं गया। मैं पत्नी के साथ बेटी के शव को हाथ में लेकर स्टैंड तरफ आ रहे थे। तभी कुछ लोगों ने हमें रोककर वाहन की व्यवस्था कराई। – पूरन अहिरवार, मृत बेटी का पिता

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