अहमदाबाद
गुजरात को कांग्रेस मुक्त बनाने की दिशा में बीजेपी एक और कदम उठा सकती है। राज्यसभा में अहमदभाई पटेल को पहुंचने से रोकने के लिए बीजेपी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बलवंत सिंह राजपूत या फिर थसरा के विधायक रामसिंह परमार को बढ़ावा दे सकती है। 74 साल के परमार बड़े कॉर्पोरिटव लीडर हैं और अमूल डेयरी के चेयरमैन भी हैं।
गुजरात में इस वक्त बाढ़ से निपटने की चुनौती के साथ राजनीतिक स्तर पर भी संग्राम जारी है। एक ऐसा राजनीतिक संग्राम जहां दांव पर बहुत कुछ लगा हुआ है। गुजरात का यह ‘कांग्रेस मुक्त’ मॉडल हो सकता है कि इसके बाद दूसरे राज्यों में भी लागू किया जाए और शायद केंद्र में भी। प्रदेश के एक बड़े बीजेपी नेता ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत करते हुए कहा, ‘2019 तक कांग्रसे मुक्त भारत की दिशा में हम मजबूती के साथ कदम बढ़ा रहे हैं।’
गुजरात में कांग्रेस को अब दोहरा झटका लगने के आसार साफ नजर आ रहे हैं। पहले शंकर सिंह वाघेला का पार्टी छोड़ना और फिर अब बलवंत सिंह राजपूत भी राज्यसभा जाने के बदले कांग्रेस का दामन छोड़ सकते हैं। हालांकि, कांग्रेस ने विप जारी कर पार्टी के खिलाफ वोट करने वालों को 6 साल के लिए पार्टी से निकालने की चेतावनी दे दी है।
इस बीच ऐसी खबर भी आ रही है कि बीजेपी के सीनियर नेता अपने कानूनी सलाहकारों से इस बारे में राय ले रहे हैं। बीजेपी यह सुनिश्चित करना चाहती है कि कांग्रेस के जो सदस्य पार्टी लाइन से अलग वोट करें, कानूनी आधार पर उन्हें अयोग्य की श्रेणी में नहीं माना जाए। प्रदेश के कानून मंत्री प्रदीपसिंह जडेजा का कहना है कि कांग्रेस अपने पार्टी के सदस्यों पर मतदान के लिए गलत तरीके से दबाव बना रही है। उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी किसी भी तरह से कांग्रेस के आंतरिक मामलों में दखल नहीं देना चाहती है, लेकिन कांग्रेस अपने सदस्यों को पार्टी से निकालने और अयोग्य साबित करने का डर दिखा रही है।