भोपाल/राजगढ़
विधानसभा को लेकर सरकार या मंत्री कितने गंभीर हैं, ये उनके द्वारा दिए जाने वाले जवाब से साफ हो जाता है। मानसून सत्र में कई वाकये ऐसे आए जब मंत्रियों ने विधायकों के सवालों पर गलत जानकारी देकर सदन को गुमराह करने की कोशिश की।
दो दिन पहले ऊर्जा मंत्री पारस जैन राजगढ़ और उज्जैन के विधायकों के सवाल के जवाब पर घिर गए। विधायकों ने उत्तरों को गलत करार देते हुए जब सही तथ्य रखे तो मंत्री ने गलती स्वीकार कर ली और आश्वासन दिया कि जल्दी काम करा लेंगे। इस पर अध्यक्ष डॉ. सीतासरन शर्मा ने भी चिंता जाहिर करते हुए मंत्रियों से कहा कि वे इस ओर ध्यान दें। जिन सवालों के जवाब नहीं आ रहे हैं, उन्हें अगला सत्र शुरू होने से पहले सचिवालय को भिजवाएं।
अटैचमेंट वाले शिक्षकों की सूची दे दी
स्कूल शिक्षा मंत्री विजय शाह ने भी राजगढ़ में शिक्षकों के अटैचमेंट को लेकर पूछे सवाल पर कहा था कि एक भी शिक्षक संलग्न नहीं है। जबकि दांगी ने अटैचमेंट वाले शिक्षकों की सूची दे दी। इस मामले में वहां के जिला शिक्षा अधिकारी का रोल बेहद शर्मनाक रहा। वे गलत जानकारी देने के बाद भी उसे सही ठहराते रहे।
अधूरे काम को पूरा बताया
ऊर्जा मंत्री ने मंगलवार को हजारीलाल दांगी के सवाल के जवाब में बताया कि राजगढ़ की खिलचीपुर विस क्षेत्र के सभी गांवों में राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना के तहत विद्युतीकरण का कार्य पूरा कर लिया गया है। इस जवाब को विधायक ने करार दिया और कहा कि मेरे पास उन गांवों की सूची है, जहां काम हुआ ही नहीं है।
दांगी का समर्थन ब्यावरा विधायक नारायण सिंह पवार और नरसिंहगढ़ विधायक गिरीश भंडारी ने भी किया। बाद में मंत्री को गलती माननी पड़ी और उन्होंने कहा कि 15 गांव ऐसे हैं, जहां काम चल रहा है। उधर, भंडारी ने कहा कि नरसिंहगढ़ क्षेत्र में 75 फीसदी गांवों में विद्युतीकरण का काम पूरा नहीं हुआ है, जबकि विभाग बता रहा है कि काम पूर्ण हो गया है।
उज्जैन का भी गलत जवाब
विधायक डॉ. मोहन यादव ने हाईटेंशन लाइन की गार्डिंग का मामला उठाया। ऊर्जा मंत्री ने जो जवाब दिया, उसे विधायक ने गलत करार दे दिया। मंत्री ने स्वीकार करते हुए कहा कि हम व्यवस्था कर देंगे। भाजपा विधायकों ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री कुसुम महदेले द्वारा नल-जल योजनाओं को लेकर गलत जानकारी देने का आरोप लगाया।
51 सवालों का एक जवाब, जानकारी एकत्र की जा रही है
बुधवार को आई प्रश्नोत्तरी में 51 सवालों का एक ही जवाब विधायकों को दिया गया कि ‘जानकारी एकत्र की जा रही है”। इसको लेकर विधायकों ने आपत्ति जताई है। विधायकों का कहना है कि हर सत्र में यह मुद्दा उठता है। सरकार की ओर से सुधार का आश्वासन दिया जाता है पर समस्या जस की तस है। रामनिवास रावत को प्रश्न पूछने से करीब एक घंटे पहले प्याज खरीदी से जुड़ा संशोधित उत्तर मिला।