डोकलाम में जारी तनाव के बीच चीनी सेना ने रविवार को जमकर शक्ति प्रदर्शन किया। पीपल्स लिबरेशन आर्मी की स्थापना के 90 साल पूरे होने के मौके पर सुदूर उत्तरी चीन स्थित एक सैन्य बेस पर एक बड़ी मिलिटरी परेड निकाली गई। इसमें नए अडवांस्ड फाइटर जेट्स से लेकर कई चीनी सैन्य टुकड़ियों ने हिस्सा लिया। खास बात यह थी कि प्रेजिडेंट शी चिनफिंग भी इस कार्यक्रम में मौजूद थे। उन्होंने चीनी सेना से ‘युद्ध के लिए तैयार रहने’ के लिए कहा।
यह मिलिटरी परेड सामरिक नजरिए से बेहद अहम है। न्यूज एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक, ऐसा पहली बार हुआ है जब चिनफिंग ने सैन्य टुकड़ियों का इस तरह मुआयना किया हो और वह भी सेना का लिबास पहनकर। 1949 के कम्युनिस्ट आंदोलन के बाद ऐसा भी पहली बार हुआ है जब 1 अगस्त को मनाए जाने वाले आर्मी डे से दो दिन पहले चीन ने अपनी सैन्य ताकत का इस तरह प्रदर्शन किया हो। टैंक, गाड़ियों पर लगे न्यूक्लियर मिसाइल्स, पारंपरिक फाइटर जेट्स से लेकर अत्याधुनिक जे 20 स्टेल्थ विमान इस मिलिटरी परेड में शामिल हुए।
बता दें कि पूरी दुनिया में चीन के पास सबसे बड़ी पैदल सेना है। चीन फिलहाल अपनी सेना के आधुनिकीकरण में जुटा हुआ है। इसी क्रम में उसने पैदल सैनिकों की संख्या घटाकर तकनीकी विकास पर ज्यादा जोर देने का फैसला किया है। उधर, डोकलाम सीमा पर करीब दो महीने से भारत और चीन की सेना आमने-सामने है। चीनी मीडिया और अधिकारियों द्वारा बार-बार युद्ध की धमकियों के बीच तनाव कम करने की कोशिशें कामयाब होती नहीं दिख रही हैं। भारतीय एनएसए अजीत डोभाल भी हाल ही में चीन के दौरे पर थे, लेकिन सिक्किम सीमा पर जारी गतिरोध को दूर करने का कोई रास्ता नहीं निकल पाया।
जानकार मानते हैं कि चीन सीमा पर इस टकराव के जरिए भारत का सियासी हौसला तौल रहा है। उधर चीनी शासकों पर अपनी घरेलू जनता का दबाव बढ़ता जा रहा है। जल्द होने वाले चुनाव के मद्देनजर चीनी राजनेताओं की अपनी जनता के सामने जवाबदेही भी है। चीन की जनता का युद्धप्रेमी तबका भारत को सीमा पर जबरन पीछे ढकेलने के लिए दबाव बना रहा है। इस बीच अंतरराष्ट्रीय दबावों की वजह से भी यह मसला चीन के लिए गले की हड्डी बन गया है।