नॉर्थ कोरिया के परमाणु कार्यक्रमों और मिसाइल परीक्षणों के खिलाफ लगातार सख्त रुख दिखाने के बाद अमेरिका ने अपना लहजा थोड़ा बदला है। अमेरिका ने कहा कि वह नॉर्थ कोरिया में सत्ता परिवर्तन करना नहीं चाहता। साथ ही अमेरिका ने नॉर्थ कोरिया से बातचीत को लेकर भी अपनी रजामंदी जाहिर की है। अमेरिका ने कहा कि हम नॉर्थ कोरिया के दुश्मन नहीं हैं।
अमेरिका के विदेश मंत्री रैक्स टिलरसन ने कहा है कि उनका देश नॉर्थ कोरियो के किम जोंग उन के शासन को बदलना नहीं चाहता। हालांकि उन्होंने साथ ही साथ यह चेतावनी भी दी है कि नॉर्थ कोरियो को भी अपने न्यूक्लियर मिसाइल कार्यक्रम को रोकना पड़ेगा। विदेश मंत्री रैक्स ने नॉर्थ कोरिया पर बनाए जा रहे रणनीतिक दबाव के संबंध में प्रेस को ब्रीफ करते हुए कहा कि अगर मिसाइल कार्यक्रम रोका गया तो वॉशिंगटन बात करने के लिए तैयार है।
विदेश मंत्री ने नॉर्थ कोरिया को आश्वस्त किया कि उन्हें अमेरिका से बचने के लिए परमाणु हथियारों की जरूरत नहीं है। रैक्स ने कहा, ‘हम सत्ता में बदलाव नहीं करना चाहते। हम वहां सेना भेजने का कोई बहाना नहीं चाहते। हम नॉर्थ कोरिया के लोगों को यह बताना चाहते हैं कि हम आपके दुश्मन नहीं हैं। हम आपके लिए खतरा नहीं हैं, लेकिन आप हमारे लिए खतरा पैदा कर रहे हैं, जिसका हमें जवाब देना होगा।
अमेरिकी विदेश मंत्री का यह स्टैंड हाल में राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की बातों में दिखी तल्खी से थोड़ा अलग है। ट्रंप ने पिछले दिनों ट्वीट कर आरोप लगाया था हमारे पिछले बेवकूफ नेताओं ने चीन को व्यापार से अरबों डॉलर कमाने का मौका दिया लेकिन उन्होंने नॉर्थ कोरिया से बातचीत के अलावा हमारे लिए कुछ नहीं किया। ट्रंप ने कहा था कि चीन इस समस्या को आसानी से सुलझा सकता है।
हालांकि अमेरिकी विदेश मंत्री ने इस मामले में डिप्लोमैटिक रुख अपनाया। रैक्स ने कहा कि हम निश्चित तौर पर नॉर्थ कोरिया के हालात के लिए चीन को दोषी नहीं ठहराते हैं। इस हालात के लिए केवल नॉर्थ कोरिया ही जिम्मेदार है। हालांकि उन्होंने भी यह कहा कि कोरिया के साथ महत्वपूर्ण आर्थिक संबंधों के चलते चीन का प्रभाव वहां ज्यादा है।
नॉर्थ कोरिया ने पिछले दिनों अपने दूसरे इंटरकॉन्टिनेंटल बलिस्टिक मिसाइल (ICBM) का परीक्षण किया है। नॉर्थ कोरिया ने कहा है कि प्योंगयांग पर नया प्रतिबंध लगाने के कारण अमेरिका को चेताने करने के लिए उसने ऐसा किया है। उत्तर कोरिया ने साथ ही धमकी दी कि अगर वॉशिंगटन की तरफ से सैन्य उकसाहट सामने आई तो इसका जवाब दिया जाएगा। पिछले शुक्रवार को किए गए परीक्षण के बाद नॉर्थ कोरिया के शासक किम जोंग उन ने कहा था कि उनका देश अमेरिका के किसी भी हिस्से पर हमला करने में समक्ष है।