Home राज्य चोटी काटने के शक में बुजुर्ग महिला की पीट-पीटकर हत्या

चोटी काटने के शक में बुजुर्ग महिला की पीट-पीटकर हत्या

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पिछले कुछ दिनों से दिल्ली एनसीआर के कई इलाकों महिलाओं की चोटी कटने की घटनाएं रहस्य बनी हुई हैं। इसी बीच आगरा में चोटी काटने के शक में एक बुजुर्ग महिला की पीटकर हत्या कर दी गई। एक न्यूज चैनल की खबर के मुताबिक घटना दौकी इलाके की है। यहां ग्रामीणों ने एक 62 वर्षीय महिला पर आरोप लगाया कि वह महिलाओं की चोटियां काटती है। इसके बाद भीड़ इकट्ठी हो गई और लोगों ने पीट-पीटकर उसकी हत्या कर दी। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।

राजधानी दिल्ली में भी चोटी कटने की कई घटनाएं सामने आई हैं। दिल्ली के छावला इलाके में रविवार को एक महिला की दिनदहाड़े चोटी काट ली गई। वह खेत से आकर आराम करने के लिए बेड पर लेटी थी। कुछ देर बाद परिवार के किसी सदस्य ने फर्श पर कटी हुई चोटी मिली।

लगातार आए दर्जन भर से ज्यादा मामले
रविवार को हरियाणा के हथीन से भी दो महिलाओं की चोटी कटने की खबर आई। गांव महलूका में एक महिला सनोवर की चोटी काटी गई। गांव खाईका में भी एक महिला की चोटी कटी मिली। इससे पहले शनिवार को महलूका में ही शबनम, लखनाका में रहीसन, टीकरी ब्राह्मण में आशा व उनकी सास लज्जा की चोटी काटी गईं। मेवात के खोरी कलां में विजय मिश्रा ने बताया कि शनिवार को उनकी बेटी संजू की चोटी भी कटी मिली। महलूका के सरपंच संजय का कहना है कि इन घटनाओं से दहशत है। सूचना पर पुलिस इन गांवों में पहुंची और सरपंच को निर्देश दिए कि गांवों में ठीकरी पहरे शुरू किए जाएं। ठीकरी पहरे के तहत गांव के लोग रातभर ‘जागते रहो’ की आवाज लगाते हुए घूमते हैं। पलवल की एसपी ने ऐसी हरकतें करने वाले तत्वों से खुद निपटने को कहा है। बता दें, एनसीआर में कुछ दिनों के भीतर दर्जन भर से ज्यादा ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं। गुड़गांव और फरीदाबाद में भी ऐसी 10 ज्यादा घटनाएं सामने आई हैं। इस बीच पुलिस ने लगातार फैलती अफवाहों को देखते हुए दहशत का माहौल न बनाने की अपील की है

‘जो काट रहा है, वह नजर नहीं आ रहा’
पुलिस सूत्रों का कहना है कि इहबास के मनोचिकित्सकों ने छावला और पालम की उन महिलाओं से बातचीत की, जो चोटी कटने से सदमे की हालत में हैं। इन एरिया में चोटी कटने की 6 घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जिन पर पुलिस मुकदमा दर्ज करके छानबीन में जुटी है। इसी सिलसिले में मनोचिकित्सकों की मदद लेने के पीछे पुलिस का एक मकसद काउंसलिंग के जरिए उन महिलाओं को सामान्य करना है, दूसरा सच-झूठ का पता लगना भी है। एक तरफ मनोचिकित्सक मान रहे हैं कि महिलाएं अपनी चोटी खुद नहीं काट रहीं। दूसरी ओर पालम में जिस महिला की चोटी काटी गई, वह चोटी कटने की घटना से पहले तीन जगहों पर CCTV फुटेज में नजर आ रही हैं, लेकिन कहीं कोई संदिग्ध उनके आसपास नजर नहीं आया है। मामला पेचीदा होने की वजह से दिल्ली पुलिस के एक तेज तर्रार पुलिस अधिकारी को जांच में लगाया गया है, जो आज तक खूंखार अपराधियों से बखूबी निबटते रहे हैं। अब उन्हें एक ‘अज्ञात’ का पता लगाना है, जिसका फिलहाल कोई सुराग नहीं है।

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