दिल्ली समेत देश के अधिकांश शहरों में प्याज के रिटेल भाव एक ही झटके में 30 से 35 रुपये पर चले गए हैं, जबकि कुछ दिन पहले प्याज की खुदरा कीमतें 15 से 20 रुपये प्रति किलो थीं। बढ़ती कीमतों को देखते हुए सरकार भी अलर्ट हो गई है। राज्यों से प्याज की सप्लाई का ब्योरा मांगा गया है। साथ ही प्याज के आयात की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।
खाद्य मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि प्याज की आवक कम हुई है लेकिन जिस तरह से इसके रिटेल दाम बढ़ रहे हैं, वह चिंताजनक है। सरकार का पहला प्रयास प्याज की कीमतों नियंत्रित करना है। सरकार को यह भी सूचना मिली है कि प्याज की आवक को कई जगह रोका गया है। ऐसे में इन लोगों के खिलाफ भी ऐक्शन लिया जाएगा।
दिल्ली की आजादपुर मंडी में प्याज की थोक कीमत जहां दो हफ्ते पहले 9 प्रति किलो थी वो अब 18 रुपये प्रति किलो हो गई है। एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी लासलगांव (महाराष्ट्र) में प्याज की थोक कीमतें 25 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है। प्याज के थोक व्यापारी राजिंदर शर्मा के मुताबिक, मध्य प्रदेश में सरकार ने किसानों से जो प्याज खरीदी थी वो बरसात में भीगकर सड़ गई है। प्याज के भाव कम रहने से कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के किसानों ने प्याज कम बोया। वहीं बरसात कम होने से पैदावार भी कम रहने का अनुमान है। इसके चलते आने वाले समय में प्याज के दाम और बढ़ने की संभावना है।