Home राज्य सरकार बोली, ऑक्सिजन की कमी से मौत नहीं, प्रिंसिपल नपे

सरकार बोली, ऑक्सिजन की कमी से मौत नहीं, प्रिंसिपल नपे

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यूपी के गोरखपुर में बीआरडी अस्पताल में 36 बच्चों की दर्दनाक मौत पर यूपी सरकार ने सफाई देते हुए कहा कि ऑक्सजीन सप्लाई की कमी के कारण बच्चों की मौत नहीं हुई है। यूपी के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने शनिवार को घटना की जानकारी देते हुए बताया कि कुछ घंटों के लिए ऑक्सीजन की सप्लाई जरूर बाधित हुई थी, लेकिन मौत का कारण गैस सप्लाई में बाधा नहीं है। उन्होंने साथ ही कहा कि मामले में लापरवाही बरतने के कारण कॉलेज के प्रिंसिपल को निलंबित कर दिया गया है। मंत्री ने कहा कि दोषियों के खिलाफ सरकार कड़ी कार्रवाई करेगी।

खचाखच भरे संवाददाता सम्मेलन में सिद्धार्थनाथ सिंह को पत्रकारों के कड़े सवालों का सामना करना पड़ा। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अगस्त के महीन में बच्चों की मौतें होती रही हैं। उन्होंने कहा कि अगस्त 2014 में 567 बच्चों की मौत हुई थी। उन्होंने कहा, ‘हम बच्चों की मौत को कम करके नहीं आंक रहे हैं। मेडिकल कॉलेज में बच्चों के लास्ट स्टेज में लाया जाता है। गैस सप्लाई जरूर रात 11.30 से सुबह के 1.30 बजे तक बाधित हुई थी, लेकिन उसके बाद गैस सिलिंडर से सप्लाई जारी है। पाइप के द्वारा सप्लाई की जाने वाली लिक्विड गैस का प्रेशर लो होने के बाद सिलिंडर से सप्लाई जारी है। 10 तारीख को सुबह 7.30 से 10.05 बजे तक 7 बच्चों की मौत हुई, लेकिन ये मौतें गैस सप्लाई के कारण नहीं हुई थी। इनमें कई मौत AES, इंफेक्शन, लीवर फेल के कारण हुई थी।’ उन्होंने कहा, ‘अस्पताल में बिहार और नेपाल से भी बच्चों को लाया जाता है।’

सिद्धार्थनाथ ने कहा, ‘यूपी की सरकार संवेदशनील सरकार है। गैस सप्लाई बाधित होने के कारणों की जांच की जा रही है। सरकार ने मुख्य सचिव के नेतृत्व में एक जांच दल का गठन किया गया है। रिपोर्ट के बाद हम और लोगों पर भी कड़ी कार्रवाई करेंगे।’

संवाददाता सम्मेलन में मौजूद यूपी के मेडिकल एजुकेशन मिनिस्टर आशुतोष टंडन ने कहा, ‘गैस सप्लाई करने वाले डीलर का कुछ सप्लाई बाकी था। एक अगस्त को इस बारे में पत्र लिखा या था। 5 तारीख को भुगतान भेजा गया था। 7 तारीख को भुगतान कॉलेज के खाते में आया, लेकिन डीलर का कहना है कि उसको भुगतान 11 तारीख को मिला। भुगतान में देरी की जांच की जा रही है। रिपोर्ट आते ही दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को निलंबित करने का फैसला किया गया है।’

मोदी ने फोन पर 15 मिनट योगी से बात की, केंद्र ने रिपोर्ट मांगी
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के क्षेत्र गोरखपुर के सरकारी मेडिकल कॉलेज बाबा राघव दास (BRD) में 60 बच्चों समेत 63 मौतों पर केंद्र ने राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है। केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल को सरकार ने गोरखपुर भेजा है, उनके साथ यूनियन हेल्थ सेक्रेटरी भी गोरखपुर जाएंगे। इस बीच नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, “इस मामले पर मेरी नजर है। मैं लगातार केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारियों से संपर्क में हूं।” यूपी गवर्नमेंट के ऑफिशियल सोर्स ने बताया कि मोदी ने गोरखपुर मामले पर योगी आदित्यनाथ से फोन पर बात की। ये बात करीब 15 मिनट तक चली।

इस बीच पुष्प सेल्स की एचआर हेड मीनू वालिया ने कहा है कि मौतें ऑक्सीजन की सप्लाई ठप होने से नहीं हुई. कोई भी इस तरह सप्लाई बंद नहीं कर सकता हम जानते हैं कि इसके परिणाम क्या हो सकते हैं. वालिया ने कहा कि हम लोगों पेमेंट के लिए सम्बंधित अधिकारियों को कई बार पत्र लिखा मगर किसी ने कोई सुनवाई नहीं की.

वहीं पुष्प सेल्स के मालिक मनीष भंडारी ने कहा है कि कॉलेज प्रशासन के रवैये के वजह से सब कुछ हुआ. इसमें सिर्फ और सिर्फ कॉलेज प्रशासन की गलती है. देर रात 52 लाख रुपए रिलीज़ कर दिए गए हैं. राजस्थान से ऑक्सीजन सिलिंडर की खेप चल चुकी है देर शाम तक गोरखपुर पहुंचेगी.

दरअसल, बीआरडी मेडिकल कॉलेज छह महीने में 83 लाख रु. की ऑक्सीजन उधार ले चुका है. गुजरात की सप्लायर कंपनी पुष्पा सेल्स का दावा है कि करीब 100 बार चिट्‌ठी भेजने के बाद भी पेमेंट नहीं हुई. ऐसे में 1 अगस्त को चेतावनी दी और 4 से सप्लाई रोक दी. बुधवार से ऑक्सीजन टैंक में प्रेशर घटने लगा. इसके चलते गुरुवार और शुक्रवार को गंभीर हालत के मरीजों की मौत हो गई.

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