जनता दल यूनाइटेड ने पहले शरद यादव को राज्यसभा के नेता के पद से हटाया अब कह रहे हैं कि शरद यादव में थोड़ी भी शर्म बची हो तो वो खुद ही राज्यसभा सांसद के पद से इस्तीफा दे दें. बिहार में नीतीश कुमार के बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने की वजह से शरद यादव ने बागी तेवर अपना लिया है और वो बिहार की जनता का मन टटोलने के लिए तीन दिनों तक बिहार का दौरा किया. इस दौरान जगह-जगह जनसभाओं में शरद ने कहा कि नीतीश कुमार की जनता दल यू सरकारी दल है जबकि उनका जनता दल यू आम लोगों का है.
जनता दल यू के प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा है कि जिसे शरद यादव सरकारी जनता दल कह रहे हैं उसी जनता दल यू के 71 सांसदों ने उन्हें राज्यसभा भेजा है, इसलिए उन्हें राज्यसभा के सांसद पद से खुद इस्तीफा दे देना चाहिए. उन्होंने कहा कि शरद यादव जनता के बीच कह रहें है कि 2015 का जनादेश महागठबंधन को मिला था सही बात है, लेकिन जनादेश भ्रष्ट्राचार होने के लिए जनता ने नहीं दिया था.
जेडीयू ने शनिवार को राज्यसभा के नेता पद से शरद यादव को हटा कर आरसीपी सिंह को नेता बनाया. अब उनकी राज्यसभा की सदस्यता पर भी खतरा है. जनता दल यू ने 19 अगस्त को राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक बुलाई है. अगर शरद यादव उसमें शामिल नहीं होते हैं तो उनको पार्टी से निकालना तय है.
आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव लगातार कह रहे हैं कि आरजेडी का जनता दल यू हेडेड बाई शरद यादव और कांग्रेस के साथ बिहार में महागठबंधन जारी रहेगा. मतलब साफ है जनता का मन टटोलने के बाद और जनता दल यू से निकाले जाने के बाद शरद यादव नई पार्टी भी बना सकते हैं लेकिन जनता दल यू के नाम को लेकर दावा दोनों तरफ से ही होगा.