कर्नाटक को भूख मुक्त बनाने और श्रमिक वर्ग और गरीब प्रवासियों को सस्ती दरों पर भोजन मुहैया कराने के लिए मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मंगलवार को घोषणा की कि राज्य सरकार बुधवार से समूचे बेंगलुरु में इंदिरा कैंटीन शुरू करेगी। उन्होंने स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में कहा, ‘मुझे यह घोषणा करने में खुशी हो रही है कि बुधवार से बेंगलुरु में इंदिरा कैंटीन खुलने जा रही है, जहां हर दिन शहर के श्रमिक वर्ग और गरीब प्रवासी सस्ते में भोजन करेंगे।’
प्रारंभिक चरण में, 101 कैंटीन हर दिन 5 रुपये में शाकाहारी टिफिन (नाश्ता) और 10 रुपये में दोपहर का भोजन और इसी दाम में रात का भोजन मुहैया कराएंगे। वहीं, अक्टूबर में महात्मा गांधी के 148वें जन्मदिन के अवसर पर शेष बचे 97 वॉर्डों में भी ऐसे कैंटीन खोले जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘हम इस कैंटीन के शहर के गरीबों पर पड़े अच्छे और बुरे प्रभावों का अध्ययन करके राज्य के अन्य शहरों और कस्बों में भी इसी तरह की कैंटीन खोलेंगे।’
मुख्यमंत्री के पास ही वित्त मंत्रालय है। उन्होंने चालू वित्त वर्ष (2017-18) में सभी 198 वॉर्डों में पड़ोसी राज्य तमिलनाडु की प्रसिद्ध ‘अम्मा’ कैंटीन की तर्ज पर कैंटीन चलाने के लिए बजट में 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। उन्होंने कहा, ‘हमारा लक्ष्य कर्नाटक को भूख मुक्त बनाना है। राज्य में हर महीने गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) को ‘अन्न भाग्य योजना’ के तहत 7 किलोग्राम चावल मुफ्त प्रदान किया जा रहा है, ताकि वे दो वक्त भोजन प्राप्त कर सके।’
फील्ड मार्शल मानेकशॉ परेड ग्राउंड में करीब 8,000 लोगों की सभा को संबोधित करते हुए सिद्धारमैया ने कहा कि दाल (तूर दाल) की भी सब्सिडी दर पर आपूर्ति की जा रही है। उन्होंने कहा, ‘स्तनपान करा रही माताओं और गर्भवती महिलाओं के लिए मातृपूर्ण योजना के तहत रोजाना मिड डे मील मुहैया कराया जा रहा है। 2 अक्टूबर से इसका विस्तार राज्य के सभी आंगनवाड़ी केंद्रों तक किया जा रहा है, जिनकी संख्या 12 लाख है।’ इसी प्रकार से रोजाना 1.08 करोड़ स्कूली छात्रों को मुफ्त मध्यान्ह भोजन मुहैया कराया जा रहा है, जिसमें सप्ताह के पांच दिन दूध और दो दिन अंडे दिए जाते हैं, ताकि उन्हें पोषण मिल सके।