नवी मुंबई के पालघर और एेरोली जिलों में दही-हांडी से जुड़े हादसों में दो गोविदाओं की मौत हो गई। शहर के अलग-अलग हिस्सों में इस पर्व से जुड़े हादसों में ही 197 लोग घायल हुए हैं। बता दें कि इस बार बॉम्बे हाईकोर्ट ने 14 साल से ज्यादा उम्र के गोविंदाओं के इस आयोजन में भाग लेने पर रोक लगाई थी। हालांकि, कोर्ट ने इसके लिए बनाए जाने वाले ह्यूमन पिरामिड की ऊंचाई पर कोई ऑर्डर देने से इनकार कर दिया था।
पुलिस के मुताबिक, पालघर में 21 साल के एक गोविंदा की मौत मिर्गी का दौरा (epileptic attack) पड़ने से मौत हो गई, वहीं एेरोली में एक गोविंदा की मौत करंट लगने से हो गई। पालघर में हादसा शाम करीब 6:27 बजे हुआ। इसमें मारे गए गोविंदा की पहचान रोहन किनी के रूप में हुई है। वह दही-हांडी के दौरान बनाए गए ह्यूमन पिरामिड के ऊपर से गिरा। तभी उसे मिर्गी का दौरा पड़ा और उसकी मौत हो गई। उस वक्त मटकी फोड़ी जा चुकी थी।
दूसरा गोविंदा खुले तार की चपेट में आया
ऐराेली में मारे गए गोविंदा की पहचान जयेश सार्ले के रूप में हुई है। यह हादसा शाम करीब 6:30 पर हुआ। उस वक्त एक स्कूल में दही-हांडी का कार्यक्रम हो रहा था। सीनियर पुलिस ऑफिसर ने बताया कि जयेश मटकी फोड़ने के कार्यक्रम के दौरान गेट के पास खड़ा था, तभी वह बिजली के खुले तार की चपेट में आ गया। उसे फौरन हॉस्पिटल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।