रीवा गांधी मेमोरियल अस्पताल में शनिवार की छह घंटे (रात 12 से सुबह 6 बजे के बीच) में 5 नवजात और एक महिला की मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों और नर्सिंग स्टॉफ की लापरवाही की वजह से मौतें हुई हैं। महिला की मौत पर परिजनों ने जब विरोध जताया तो अस्पताल के स्टाफ ने उनके साथ अभद्रता और मारपीट की। सुबह मामला खुलने पर हंगामा मच गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने परिजनों को समझाकर मामला शांत कराया। परिजनों ने पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई है। मामला सामने आने के बाद मेडिकल कॉलेज के डीन पीसी द्विवेदी ने कहा कि लापरवाही हुई है। मामले की जांच की जा रही है।
अफसरों से शिकायत के बाद किया भर्ती
प्रसव पीड़ा के कारण शनिवार रात सीधी जिले के खोपरहा गांव निवासी 22 वर्षीय रेनू सेन पत्नी प्रदीप सेन गांधी मेमोरियल हॉस्पिटल लाया गया था। प्रसव पीड़ा से तड़पती रेनू के इलाज के लिए परिजन काफी देर तक परेशान होते रहे। आखिरकार अस्पताल के आला अफसरों से शिकायत की तब उसे वार्ड में भर्ती किया गया। सुबह डॉक्टरों ने बताया कि रेनू की मौत हो गई और उसके बच्चे की मौत पेट में ही हो गई थी।
ज्यादा ब्लीडिंग के कारण महिला की भी मौत हुई है। रेनू के साथ आई आशा कार्यकर्ता राजकली पटेल का आरोप है कि अस्पताल पहुंचने के बाद वह डॉक्टरों से लगातार कहती रही कि ऑपरेशन करके बच्चे को निकाल दिया जाए। लेकिन डॉक्टरों ने उसके साथ गाली-गलौज करते हुए बाहर निकाल दिया।
इनकी हुई मौत
– सीधी जिला निवासी रेनू सेन और उसके बच्चे की शनिवार रात मौत हो गई।
– सिरमौर के पड़ररिया निवासी सुलेखा वर्मा के भी बच्चे की शनिवार रात मौत हो गई। परिजनों के मुताबिक दो दिन पूर्व प्रसव पीड़ा के चलते सुलेखा को भर्ती कराया गया था।
– गंगेव निवासी काजल खटिक के भी नवजात बच्चे की मौत लेबर रूम में हुई है। उनके परिजनों ने भी अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाया है।
– बहेरा मऊगंज निवासी सरोज साकेत व गुड़हाई बाजार निवासी बिन्नू साकेत को भी प्रसव पीड़ा के चलते भर्ती कराया गया था। उन्होंने बताया कि दोनों ही महिलाओं ने बच्चों को जन्म दिया और थोड़ी ही देर में उनकी मौत हो गई।