एआईएडीएमके के ई पलनी स्वामी और ओ पीन्नीर सेल्वम गुटों के विलय के बाद एक ओर सरकार बनी, तो दूसरी ओर दिनाकरन गुट भी ऐक्शन में नजर आया। सोमवार को दिनाकरन गुट ने तमिलनाडु सरकार की स्थिरता पर सवाल उठाए और विलय के खिलाफ अदालत में जाने का संकेत दिया।
शपथ ग्रहण समारोह के कुछ घंटे बाद दिनाकरन का समर्थन करने वाले कुछ विधायक जयललिता को श्रद्धांजलि देने के लिए जया स्मारक पर पहुंच गए। लगभग 17 विधायकों ने कथित तौर पर दिन में यहां उनके आवास जाकर उनसे मुलाकात की। दिनाकरन का समर्थन करने वाले विधायकों ने घोषणा की कि वे मंगलवार को तमिलनाडु के राज्यपाल से मुलाकात करेंगे। एकजुट एआईएडीएमके ने शशिकला के खिलाफ आवाज उठाई है तो वहीं दिनाकरण गुट के नेता था और पार्टी के कार्यकर्ता पार्टी प्रमुख के साथ थे। दिनाकरन के करीबी सीआर सरस्वती ने पूछा कि शशिकला को क्यों हटाया जा रहा था और पन्नीरसेल्वम या पलनीस्वामी के साथ उसने क्या गलत किया था। हमारी इच्छा है कि पार्टी को एकजुट होना चाहिए।
विलय की घोषणा के तुरंत बाद, शशिकला के भाई वीके दिवाकरन ने कहा कि वह अगले चार वर्षों तक एआईएडीएमके सरकार चलने की गारंटी नहीं दे सकते। उन्होंने कहा, ‘कल तक मैं लोगों को आश्वासन दे रहा था कि सरकार जारी रहेगी। लेकिन आज मैं ऐसा नहीं कह सकता हूं।’ दिवाकरन ने भी अदालत के पास जाने का संकेत दिया।