शिवसेना ने ‘वंदे मातरम’ गाने का विरोध करने वाले मुस्लिमों के साथ ‘राष्ट्र विरोधी’ की तरह व्यवहार करने और उन्हें मताधिकार से वंचित करने की मांग की है। शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में कहा गया है, ‘हम मानते हैं कि वंदे मातरम का विरोध या अपमान भी समान रूप से गंभीर अपराध है और जो भी इसमें शामिल हैं उन्हें ‘मताधिकार से वंचित किया’ जाना चाहिए। क्या आपके पास ऐसा करने की हिम्मत है।’ संपादकीय में कहा गया है कि जब सरकार गौरक्षकों पर कड़ी कार्रवाई कर सकती है तो वंदे मातरम का विरोध करने वालों के साथ भी ऐसी ही सख्ती से पेश आना चाहिए।
औरंगाबाद नगर निगम (एएमसी) में शनिवार को वंदे मातरम गाने पर हुए हंगामे पर शिवसेना ने संपादकीय में लिखा, ‘शिवसेना पार्षद इस अपमान पर गुस्से से फट पड़े और वंदे मातरम के विरोधियों पर हमला किया। सौभाग्य से भारतीय जनता पार्टी के पार्षदों ने इस राष्ट्रवादी कर्तव्य में हमारा समर्थन किया।’ शिवसेना ने कहा, ‘यह वे नेता हैं जो अपने समुदाय को झूठी मान्यताओं में डाल रहे हैं और इस्लाम की हत्या कर रहे हैं। इनके विकृत दिमाग की वजह से इस्लाम खतरे में है।’