तीन तलाक के खिलाफ जंग लड़ने वाली इशरत जहां ने सोचा था कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उनकी मुश्किलें कम हो जाएंगी लेकिन वह नहीं जानती थीं कि इस ऐतिहासिक फैसले के बाद उनका सामाजिक बहिष्कार होगा। इशरत जहां की एक जंग खत्म होते ही अपनों के बीच दूसरी जंग शुरू हो गई है। सामाजिक न्याय के लिए लड़ने वाली और गरीबी के बाद भी हार न मानकर मिसाल पेश करने वाली इशरत को उनके ही रिश्तेदारों और पड़ोसियों की आलोचना और बदजुबानी का शिकार होना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि आसपास के लोग उनको ‘गंदी औरत’ और इस्लाम विरोधी कहते हैं।
हावड़ा की रहने वाली इशरत जहां के पति ने 2014 में दुबई से फोन करके उन्हें तीन तलाक दे दिया था। इशरत उन पांच याचिकाकर्ताओं में से एक हैं जिनकी वजह से सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को असंवैधानिक करार दिया है। इशरत ने हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, ‘सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद मेरे ससुराल वाले और पड़ोसी चरित्र को लेकर टिप्पणी करते हैं। मुझे गंदी औरत जैसे शब्द सुनने को मिलते हैं। कई पड़ोसियों ने मुझसे बात करना छोड़ दिया है।’
इशरत हावड़ा में पिलखना स्थित मकान में रहती हैं। यह मकान उनके पति ने 2004 में शादी के बाद मिली दहेज की रकम से खरीदा था। इस मकान में उनके पति के बड़े भाई और परिवार के अन्य लोग भी रहते हैं। इशरत ने कहा, ‘मुझे इस घर में रहना सुरक्षित नहीं लगता है। मैं अपने बच्चों पर ध्यान देना चाहती हूं। अब मुझे अहसास हो गया है कि और दिन मुझे पीड़िता की तरह नहीं रहना है। सभी को अपने अधिकारों के लिए लड़ाई लड़नी चाहिए।’ बता दें कि इशरत की वकील नाजिया इलाही खान को भी सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जा रहा है।