मोदी सरकार के भ्रष्टाचार मुक्त सरकार के दावे पर तीन साल में पहला दाग लगा है. मोदी कैबिनेट के एक मंत्री की भ्रष्टाचार की वजह से छुट्टी हो गई. ‘आज तक’ को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक ये मंत्री खुफिया एजेंसियों की रडार पर थे और उनका फोन भी टैप हो रहा था. सूत्रों से पता चला है कि कथित मंत्री का नाम हाल ही में हुए हाई प्रोफाइल छापेमारी में पकड़े गए चार आरोपियों ने लिया. इन आरोपियों की मंत्री के साथ सौदेबाजी पर बात हो रही थी. इस मामले से जुड़ी पूरी फाइल प्रधानमंत्री कार्यालय के पास है और मंत्री को इस्तीफा देने का निर्देश दिया गया.
रविवार को होने वाले मोदी कैबिनेट की फेरबदल से पहले बैठकों का सिलसिला जारी है. गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी प्रमुख अमित शाह की मैराथन बैठक के बाद राजीव प्रताप रूडी, उमा भारती, फग्गन सिंह कुलस्ते, संजीव बालियान, महेंद्र नाथ पांडे ने इस्तीफा दे दिया. वहीं सूत्रों के मुताबिक एक मंत्री को वित्तीय गड़बड़ी के आरोप में हटाया जाएगा.
मंत्री का फोन किया गया टैप
ये मंत्री खुफिया एजेंसियों के राडार पर थे और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने इस मंत्री का फोन भी टैप किया. सूत्रों ने बताया कि हाल ही में एक हाई प्रोफाइल छापे के दौरान गिरफ्तार हुए चार लोगों से पूछताछ के जरिए इस मंत्री का नाम सामने आया.
CBI का कुछ भी बोलने से इनकार
ये भी बताया जा रहा है कि रेड के बाद गिरफ्तार हुए एक शख्स की मंत्री के साथ सौदे की बातचीत भी सामने आई. सीबीआई की FIR में मंत्रालय के अज्ञात अधिकारियों का जिक्र है, जिनके लिए रिश्वत की रकम रखी गई थी. पीएमओ के पास पहले ही इस मंत्री का नाम खुफिया एजेंसियों ने दे दिया. इस मामले में सीबीआई ने आधिकारिक रूप से कुछ भी बोलने से इनकार किया है क्योंकि अभी भी इस मामले की जांच चल रही है.
उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे मंत्री आउट
‘आज तक’ ने अपनी पड़ताल में मंत्रिमंडल में बदलाव की इनसाइड स्टोरी का खुलासा किया है. मोदी सरकार में स्वतंत्र प्रभार मंत्री राजीव प्रताप रूडी को मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखाया गया, क्योंकि कौशल विकास मंत्रालय के नतीजों से प्रधानमंत्री बहुत खुश नहीं थे. प्रधानमंत्री जल और गंगा मंत्रालय की मंत्री उमा भारती के सफलता ग्राफ से भी नाखुश थे. पिछले तीन साल में गंगा सफाई पर सिर्फ नाममात्र के ही काम हुए थे. उमा भारती के साथ ही जूनियर मंत्री संजीव बाल्यान को भी मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है, जबकि वो पिछले एक साल से सिर्फ इसी मंत्रालय का काम देख रहे थे. मोदी सरकार में स्वास्थ्य राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते की संसद में मौजूदगी और पार्टी के संगठन कार्यक्रमों में ना के बराबर हाजिरी होने से भी अमित शाह और प्रधानमंत्री नाराज बताए जा रहे थे.
इन मंत्रियों के बदले जा सकते हैं मंत्रालय
राधामोहन सिंह को भी कृषि मंत्रालय से हटाकर दूसरा मंत्रालय दिया जा सकता है. मेनका गांधी को भी महिला कल्याण मंत्रालय से हटाकर किसी दूसरे विभाग में भेजा जा सकता है. रेल मंत्री सुरेश प्रभु को पर्यावरण मंत्रालय भेजा जा सकता है, जबकि रेलवे और भूतल परिवहन को मंत्रालय एक कर नितिन गडकरी को इसका मंत्री बनाया जा सकता है. जानकारी के मुताबिक कलराज मिश्रा को 75 साल से ज्यादा उम्रदराज होने की वजह से मंत्रिमंडल से हटाया जाएगा.