पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले लोगों को ट्विटर पर पीएम नरेंद्र मोदी के फॉलो करने के आरोपों को भाजपा ने हास्यास्पद और फर्जी बताया. भाजपा का कहना है कि यह अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार को लेकर चुनिंदा तरीके की सोच को दर्शाता है.
भाजपा के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने एक बयान में इस विवाद को एकतरफा करार दिया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और आप नेता अरविंद केजरीवाल जैसे विपक्षी नेताओं से कभी उनके फॉलोअर्स के व्यवहार को लेकर सवाल नहीं पूछे जाते. उन्होंने कहा कि पीएम का किसी व्यक्ति को फॉलो करना उस शख्स का ‘कैरेक्टर सर्टिफिकेट’ नहीं होता और इस बात की गारंटी भी नहीं है कि उस शख्स का व्यक्तिगत आचरण कैसा होगा.
मालवीय ने कहा, ‘‘वह दुर्लभ नेता हैं जो अभिव्यक्ति की आजादी में वाकई भरोसा करते हैं और उन्होंने कभी किसी को ट्विटर पर ब्लॉक या अनफॉलो नहीं किया है. हमारे पास कई ऐसे उदाहरण हैं जिनमें नेता सोशल मीडिया पर स्वतंत्र विचारों पर लगाम लगाते हैं, जिनमें पहले के पीएमओ का हैंडल भी शामिल है.’’उन्होंने कहा कि पीएम आज भी भाजपा के पूर्व कार्यकर्ता पार्थेश पटेल को ट्विटर पर फॉलो करते हैं जो कांग्रेस में शामिल हो गया और जिसने बुरी से बुरी भाषा में प्रधानमंत्री के लिए अपशब्द बोले.
उन्होंने कहा कि मौजूदा विवाद शरारतपूर्ण है. मोदी एकमात्र नेता हैं जो सोशल मीडिया पर लोगों के साथ खुलकर जुड़ते हैं.मालवीय ने कहा, ‘‘राहुल ने कभी तहसीन पूनावाला के अपशब्दों पर सवाल नहीं उठाया जो उनके रिश्तेदार भी लगते हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘केजरीवाल से कभी उनके समर्थकों द्वारा दूसरे लोगों को दी गयी गालियों और दुष्कर्म की धमकियों के बारे में सवाल नहीं किया गया. यह बहस न केवल फर्जी और हास्यास्पद है बल्कि अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार को लेकर चुनिंदा सोच रखने को भी दर्शाती है.’’
मालवीय ने कहा कि मोदी उन राहुल गांधी को भी फॉलो करते हैं जो ‘धोखाधड़ी में आरोपी’ हैं और केजरीवाल को भी फॉलो करते हैं, जिन्होंने प्रधानमंत्री को ट्विटर पर अपशब्द कहे और जब एक महिला ने एक पार्टी कार्यकर्ता पर छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए शिकायत की तो उससे कहा ‘सेटल कर लो’. उन्होंने कहा कि मोदी आम जनता को फॉलो करते हैं और अनेक मुद्दों पर उनसे लगातार संवाद करते हैं.