गुरमीत राम रहीम को दो साध्वियों के बलात्कार मामले में 20 साल की सजा हो गई है. साल 2002 में दो साध्वियों ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट को अनाम चिट्ठी लिखी थी जिसके बाद यह मामला सामने आया था. राम रहीम के डेरे में रह चुकी एक साध्वी ने न्यूज 18 इंडिया से खास बातचीत की. उन्होंने बताया कि उन्होंने साल 2002 में डेरा छोड़ दिया था.
साध्वियों को ऐसे बुलाता था राम रहीम
साध्वी ने बताया कि राम रहीम शाम के वक्त साध्वी आवास की तरफ आता था. वहां कई महिलाएं काम करती थीं. राम रहीम को जो साध्वी पसंद आती वह महिला स्टाफ से उन्हें भेजने के लिए कहता. महिला स्टाफ रात में उस साध्वी से कहती कि पिता जी ने माफ करने के लिए बुलाया है. गुफा के अंदर जाते वक्त लड़कियां बहुत खुश होतीं कि पिता जी ने माफी के लिए बुलाया है. गुफा में एक आलीशान कमरा था जहां राम रहीम लड़कियों का शोषण किया करता था. लेकिन वापस लौटने के बाद साध्वियां चुप-चुप रहने लगतीं.
कैसे पता चला माफी का सच?
साध्वी ने बताया कि वह डेरे में तीन साल तक रही. इस दौरान कई बार गुफा से लड़कियों के चीखने की आवाज आती थी. उन्होंने बताया कि वहां साध्वियों को एक नशीली ड्रिंक पिलाई जाती थी, इस ड्रिंक को जाम कहा जाता था. गुफा से लौटने के बाद ज्यादातर साध्वियां चुप रहतीं लेकिन एक-दो ने यह बात बताई. साध्वी ने बताया कि पहले उन्हें भी यकीन नहीं हुआ, लेकिन जब वह गुफा के अंदर गई तो उन्हें यह बात पता चली. उन्होंने बताया कि उस समय वह तबीयत खराब बहाना करके वहां से आ गई थी.
माता-पिता भी नहीं करते थे विश्वास
साध्वी ने बताया कि जब वे लोग अपने माता-पिता को इस बारे में बताते तो वे इस बात पर यकीन ही नहीं करते. वे कहते कि पिताजी ऐसा कर ही नहीं सकते. राम रहीम के डेरे में तीन साल बिताने वाली साध्वी का मानना है कि यदि दो साध्वियों ने हिम्मत करके वह चिट्ठी नहीं लिखी होती तो यह बात कभी सामने ही नहीं आती और डेरे में लड़कियों का शोषण जारी रहता.
साध्वियां एक दूसरे से बात न करें इसका भी इंतजाम
डेरे में रहने वाली साध्वियां आपस में बात न कर सकें और गुफा का सच एक दूसरे को न बता सकें इसके लिेए भी खास इंतजाम किए गए थे. उन्होंने बताया कि वहां सख्त सिक्योरिटी होती थी. धमकाया जाता था कि इस बारे में किसी को बताया तो भाई, मां-बाप की हत्या कर दी जाएगी.
गुफा की सुरक्षा में तैनात होते थे हथियारबंद
गुफा की सुरक्षा में हथियारबंद लोगों को तैनात किया जाता था. साध्वी ने बताया कि हथियारबंद लोगों को नपुंसक बना दिया जाता था. ऐसा इसलिए किया जाता था ताकि सिक्योरिटी गार्ड्स और साध्वियों के बीच प्रेम प्रसंग न हो सके और वे शादी न कर सकें.
अब तक क्यों रही चुप?
साल 2002 में जब दो साध्वियों ने राम रहीम के खिलाफ चिट्ठी लिखी तब साध्वी के माता-पिता को उनकी बात पर विश्वास हुआ और उन्होंने उन्हें वहां से बाहर निकालने का फैसला किया. इस मामले में अब तक चुप्पी साधे रखने के सवाल पर साध्वी ने कहा कि उनका सुखी परिवार है. वह इस डर में चुप रहीं कि बोलने पर उनके परिवार को कोई नुकसान न पहुंचे.