हर दिन की तरह पांच साल की मासूम की नींद सुबह 6.30 बजे खुली। उसके लिए यह दिन भी आम दिनों की तरह ही था। करीब एक घंटे बाद वह मासूम अपने पिता के साथ तैयार होकर स्कूल के लिए निकली। उस दिन वह बहुत खुश थी, लेकिन उसे पता नहीं था कि उसकी जिंदगी में बड़ा तूफान आने वाला है जो ताउम्र जख्म देगा।उसके पिता भी उसे स्कूल के गेट पर छोड़ घर वापस आ गए जहां अब उन्हें अपने बेटे को ड्रॉप करना था। उस शख्स को यह कतई नहीं पता था कि अगले कुछ घंटों में उसकी बच्ची के साथ खौफनाक वारदात होने वाली है।
हर किसी को झकझोर देने वाले इस घटना के बारे में मासूम ने कहा, ‘दिन खत्म होने को था और मैं बॉटल में पानी लेने के लिए क्लासरूम से बाहर आई। जब मैं पानी लेकर लौट रही थी तो तभी मुझे चपरासी की आवाज सुनाई दी। वह स्टोररूम की तरफ आने का इशारा कर रहा था। मैंने उसे वहां कई बार देखा था, इसलिए मुझे वहां जाने में कोई हिचक नहीं हुई।
जब मैं वहां पहुंची तो आरोपी विकास ने जबर्दस्ती मेरा यौन उत्पीड़न किया। जब मैं चिल्लाने लगी तो विकास अंकल ने मेरा मुंह बंद कर दिया। उसने मुझे बुरी तरह पीटा। साथ में धमकी देते हुए कहा कि यदि मैंने इस बारे में किसी को बताया कि वह फिर मेरे साथ फिर ऐसा ही करेगा। मैं काफी डरी हुई थी। मैं सीधे क्लासरूम की तरफ भागी और ऐसे व्यवहार किया मानों कुछ हुआ ही नहीं हो।’
जब उस मासूम को लेने स्कूल पहुंची तो उसे भी घटना के बारे में कुछ पता नहीं चला। उसकी मां ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, ‘वह बहुत धीरे-धीरे चल रही थी, लेकिन उसने मुझे कुछ नहीं बताया कि आखिर उसके क्या हुआ है? उसने लंच को छुआ तक नहीं। थोड़ी देर बाद उसने पेट और प्राइवेट पार्ट्स में जोर से दर्द की शिकायत की। करीब 30 मिनट बाद मेरी बेटी ने खुद को कमरे में यह कहकर बंद कर लिया कि वह वाशरूम में नहाने जा रही है। मैंने उसे जल्दी से बाहर आने को कहा। जब मैं उसके रूम से बाहर आ रही थी, तभी मेरी नजर उसकी स्कर्ट पर पड़ी जिसमें खून लगा हुआ था।’
बाथरूम से बाहर आने पर मैंने देखा, ‘वह रो रही है। उसके प्राइवेट पार्ट्स से खून बह रहे थे। उसे करीब डेढ़ घंटे लग गए मुझे यह बताने में लग गए कि आखिर उसके साथ क्या हुआ है। मैं तुरंत चाचा नेहरु अस्पताल गई और तुरंत उसके पिता को बुलाया।’ पूरी घटना के बारे में उसकी बेटी ने कुछ यूं बताया। उस मासूम ने कहा, ‘जब मैंने इस वारदात के बारे में टीचर को बताया तो वह जोर से हंसने लगी। टीचर ने मुझे चॉकलेट देते हुए कहा कि इस बारे में किसी को भी कुछ मत बताना। मेरे हाथ में बैग थमाकर उसने मुझे घर जाने को कहा।’
जांच के बाद अस्पताल ने भी यौन उत्पीड़न की पुष्टि की। मासूम के पिता ने कहा, ‘शुरुआत में चाचा नेहरु अस्पताल के स्टाफ ने भी हमारे साथ गलत व्यवहार किया। उसने हमें बेटी को लोक नायक अस्पताल जाने को कहा। यहां तक कि उन्होंने हमें ऐम्बुलेंस भी नहीं दी। ऐसे में मैं अपनी बाइक से बेटी को अस्पताल ले गया।’ पीड़िता के परिजनों ने कहा कि अस्पताल में इलाज के दौरान बच्ची की टीचर भी दिखी और वह नर्स से अकेले में कुछ बात कर रही थी। हमारा संदेह उस वक्त और बढ़ गया जब बेटी की रिपोर्ट और वह नर्स थोड़ी देर बाद गायब थी। यहां तक कि बड़े अधिकारियों ने भी हमारी मदद नहीं की।