केरल स्थित संगठन पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की कथित तौर पर आतंकी गतिविधियों में संलिप्त के मामले में गृह मंत्रालय कार्रवाई करने का मन बना रहा है। मंत्रालय इस संदिग्ध संगठन पर प्रतिबंध लगाने पर भी विचार कर रहा है। हालांकि पीएफआई ने आतंकी गतिविधियों में शामिल होने की बात को खारिज किया है। एनआईए की ओर से पीएफआई को लेकर रिपोर्ट मिलने के बाद गृह मंत्रालय इस संबंध में विचार कर रहा है। एनआईए ने अपनी रिपोर्ट में पीएफआई के आतंकी गतिविधियों में शामिल रहने का दावा किया है।
एनआईए ने अपनी रिपोर्ट में पीएफआई के आतंकी कैंप संचालित करने और बम तैयार करने जैसी गतिविधियों में शामिल रहने की बात कही है। एनआईए का कहना है कि गैरकानूनी गतिविधयों पर रोकथाम के ऐक्ट तहत पीएफआई पर बैन लगाने पर विचार किया जा सकता है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में पीएफआई की जिन गतिविधियों का हवाला दिया है, उनमें केरल के इदुक्की जिले में प्रफेसर का हाथ काटना, कन्नूर में ट्रेनिंग कैंप का संचालन शामिल है। इस कैंप से एनआईए ने धारदार हथियार, देसी बम और आईईडी बम तैयार करने के सामान भी बरामद किए हैं।
पीएफआई पर बेंगलुरु में संघ नेता रुद्रेश की हत्या और एक अन्य आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट अल-हिंद के साथ मिलकर दक्षिण भारत में आतंकी हमलों की योजना बनाने का आरोप है। गृह मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि पीएफआई के दक्षिण भारत आतंकी गतिविधियों में शामिल रहने के पर्याप्त सबूत मौजूद हैं। इस मामले में केंद्र सरकार मूक दर्शक नहीं बनी रह सकती।