नई दिल्ली
भारत उन 99 देशों में शामिल है जो हालिया साइबर हमले का शिकार हुआ। आंध्र प्रदेश पुलिस के 102 कंप्यूटर सिस्टम को शनिवार को साइबर हमलावरों ने हैक कर लिया। ऐसे में सबसे सबसे बड़ी चिंता की बात ये है कि भारत के करीब 70 प्रतिशत ATM में आउटडेटेड सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल हो रहा है। लिहाजा ये साइबर हमलावरों के लिए आसान शिकार हो सकते हैं। यही वजह है कि केंद्र सरकार ने सरकार ने आरबीआई, बैंकों, शेयर बाजार और पेमेंट गेटवेज सहित सभी अहम संस्थानों को इस वाइरस के संबंध में अलर्ट जारी किया है।
दरअसल भारत के 70 प्रतिशत एटीएम में आउटडेटेड विंडोज XP का इस्तेमाल करते हैं। इसका पूरा नियंत्रण उन वेंडर्स के हाथों में होता है जो बैंकों को ये सिस्टम मुहैया कराते हैं। माइक्रोसॉफ्ट ने विंडोज XP को सपॉर्ट करना बंद कर दिया है। 2014 से ही माइक्रोसॉफ्ट विंडोज XP के लिए सिक्यॉरिटी पैच और दूसरे टूल्स भी नहीं देता है। हालांकि साइबर अटैक के बाद शनिवार को कंपनी ने विंडोज XP के लिए अपडेट्स रिलीस किए। अगर साइबर हमलावरों ने भारत के एटीएम पर हमला किया तो स्थिति कितनी खराब हो सकती है इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है।
उधर आंध्र प्रदेश पुलिस ने बताया है कि उसके कई सिस्टम्स हैक कर लिए गए हैं। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि विजयवाड़ा, तिरुपति, विशाखापटनम और श्रीकाकुलम में शनिवार को पुलिस सर्वर को फ्रांस से किसी ने हैक कर लिया। उन्होंने कहा, ‘जब हम सिस्टम खोलने की कोशिश करते हैं तो वह पासवर्ड मांगता है।’ हालांकि राहत की बात यह है कि पुलिस का डेटा पूरा तरह सुरक्षित है। पुलिस ने बताया कि उसने केंद्रीय गृह मंत्रालय और अन्य राज्यों से तालमेल कर अपना डेटा सुरक्षित कर लिया है। वायरस के हमले की वजह से चेन्नई के बाहरी इलाके में स्थित निसान-रेनॉ के प्लांट में प्रॉडक्शन बंद कर देना पड़ा, हालांकि कंपनी की तरफ से इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं आई है।
पीएमओ में नैशनल साइबर सिक्यॉरिटी अडवाइजर गुलशन राय ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, ‘करीब 100 सिस्टम पर हमला हुआ था लेकिन अब कोई खतरा नहीं है।’ इस अंतरराष्ट्रीय साइबर अटैक को वन्ना डिक्रिप्टर या वन्नाक्राई नाम के एक मैलवेयर के जरिए अंजाम दिया गया। यह एक रैंसमवेयर है जो सिस्टम के डेटा को एनक्रिप्ट करके लॉक कर देता है। डेटा को डिक्रिप्ट करने और रिलीज करने के बदले में हैकर्स बिटकॉइन में फिरौती मांगते हैं।
सरकार की साइबर सिक्यॉरिटी का काम देखने वाली इंडियन इमर्जेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT) ने सभी सरकारी संस्थानों से अलर्ट रहने को कहा है। कई कॉर्पोरेट्स ने भी अपने कर्मचारियों को ईमेल भेजकर बताया है कि उन्हें इस स्थिति में क्या करना चाहिए और क्या नहीं।