कैबिनेट में विस्तार को लेकर प्रदेश की सियासत गर्मा गई है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद शिवराज सिंह चौहान जल्द ही मंत्रिमंडल में फेरबदल कर सकते हैं। संभावना जताई जा रही है कि कमजोर परफॉर्मेंस और अस्वस्थता के चलते कम से कम चार-पांच मंत्रियों की छुट्टी भी की जा सकती है।
वहीं आठ-नौ नए चेहरे भी कैबिनेट में शामिल किए जा सकते हैं। विस्तार की तारीख तय होने में सबसे बड़ी दिक्कत यही आ रही है कि दिल्ली की तर्ज पर कमजोर मंत्रियों की यहां से छुट्टी कैसे की जाए। नए मंत्रियों को शामिल करने के लिए भौगोलिक, जातिगत और सामाजिक आधार होने के साथ ही स्वच्छ छवि, ईमानदार और उम्र का भी आकलन किया जा रहा है।
सूत्रों के मुताबिक शिवराज कैबिनेट में नवरात्रि के बाद फेरबदल किए जाने की संभावना बताई जा रही है। इसकी वजह उपचुनाव हैं। उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि जल्द विस्तार नहीं हुआ तो फिर नवंबर तक मामला टल सकता है।
इसमें कुछ उम्रदराज और अस्वस्थ मंत्रियों से इस्तीफा लिए जाने की संभावना है तो कुछ कमजोर परफॉर्मेंस वाले मंत्रियों की भी छुट्टी की जा सकती है। जिन मंत्रियों पर तलवार लटक रही है उनमें कुसुम सिंह महदेले, सूर्यप्रकाश मीणा, शरद जैन शामिल हैं। हर्ष सिंह फिलहाल बिना विभाग के मंत्री हैं, पिछले कुछ दिनों से वे स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं।
दावेदारों की लंबी कतार
कैबिनेट विस्तार की सियासत गर्माते ही दावेदारों ने भी लॉबिंग तेज कर दी है। आदिवासी वर्ग से रंजना बघेल, रामलाल रौतेल, रामप्यारे कुलस्ते, निर्मला भूरिया, मीना सिंह को प्रबल दावेदार माना जा रहा है। अनुसूचित जाति वर्ग से प्रदीप लारिया, रणजीत सिंह गुणवान, गोपीलाल जाटव तो सामान्य वर्ग और ओबीसी से महेंद्र हार्डिया, रमेश दुबे, हेमंत खंडेलवाल, केदार शुक्ला, यशपालसिंह सिसौदिया, लोकेंद्र सिंह तोमर, जसवंत सिंह हाड़ा, मुरलीधर पाटीदार, रामलल्लू वैश्य और मुकेश चतुर्वेदी भी दावेदारों की सूची में शामिल हैं।