मध्य प्रदेश के मुरैना में 35 वर्षीय आरटीआई कार्यकर्ता की अपहरण करने के बाद पीट-पीट कर हत्या कर दी गई. पुलिस ने आरटीआई कार्यकर्ता मुकेश दुबे की लाश मटकोरा जंगल से बरामद की है. मृतक कार्यकर्ता के परिजन ने आरोप है कि उसको जान से मारने की धमकियां मिल रही थीं. इस बारे में पुलिस को सूचित किया गया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.
एसडीओपी आरकेएस राठौर ने बताया कि सुमावली निवासी आमुकेश दुबे कुछ समय से अपने दूसरे घर मुरैना के विक्रमनगर में रह रहा था. सुमावली पंचायत के कई मामलों की सूचना प्राप्त कर दुबे ने पंचायत पदाधिकारियों के खिलाफ अनेक शिकायतें की थी. इस कारण कई लोगों से उसकी रंजिश चल रही थी. उसके खिलाफ भी कुछ आपराधिक मामले विचाराधीन थे.
उन्होंने बताया कि प्रारंभिक तौर पर मृतक के शरीर के चोटों के निशान से लगता है कि उसे बुरी तरह से मारा-पीटा गया. इससे उसकी मौत हो गई. एसडीओपी ने मृतक के पड़ोसियों के हवाले से बताया कि अज्ञात लोगों ने बीती रात मुकेश के मुरैना स्थित घर से उसका अपहरण कर लिया और जीप में उसे अपने साथ ले गए. उसकी लाश मटकोरा जंगल में मिली है.
पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया. मृतक के घर से उसके द्वारा की गई शिकायतों के 2392 कागजात मिले हैं. इसके आधार पर अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी गई है. आरटीआई कार्यकर्ता के बड़े भाई राजीव दुबे ने कहा कि उसके भाई द्वारा जान के खतरे की शिकायत की गई थी.
उसने प्रदेश के पुलिस महानिदेशक सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को इस बात से अवगत कराया था. इसके साथ ही कुछ प्रभावशाली लोगों के लिए सुमावली पुलिस थाना प्रभारी द्वारा उसे पिछले साल फोन पर धमकी दी गयी थी. इसकी ऑडियो रिकॉर्डिंग भी वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को उपलब्ध कराई गई थी, लेकिन उनकी शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई.
इस बीच भोपाल में सूचना का अधिकार आंदोलन मध्य प्रदेश के संयोजक अजय दुबे ने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की है. उन्होंने कहा कि आरटीआई कार्यकर्ता मुकेश दुबे की हत्या के मामले में प्रदेश के मुख्य सूचना आयुक्त को पत्र लिखकर सीबीआई जांच की मांग की गई है. प्रदेश में आरटीआई कार्यकर्ताओं को सुरक्षा मुहैया कराई जानी चाहिए.