भारत के एक चर्चित और जिहाद समर्थक कट्टरपंथी मुस्लिम धर्मगुरु सलमान नदवी पर ओमान ने बड़ी कार्रवाई करते हुए उनको निष्कासित कर दिया है। नदवी पर यह कार्रवाई उनके एक लेक्चर के लिए की गई है। मसकत के राजनयिक सूत्रों ने नदवी के निष्कासन की पुष्टि की है। उनके मुताबिक, नदवी ने पिछले हफ्ते स्थानीय शरीया साइंस कॉलेज में एक लेक्चर दिया था जिसमें कतर पर प्रतिबंध लगाने के लिए सऊदी और सहयोगी खाड़ी देशों पर हमले की अपील की थी। आपको बता दें कि सऊदी अरब के नेतृत्व में अन्य कुछ खाड़ी देशों ने आतंकवाद और ईरान का समर्थन करने के लिए कतर पर इस साल प्रतिबंध लगा दिया था। सऊदी अरब, मिस्र, यूएई और बहरीन ने कतर से इस साल जून में अपने सभी राजनयिक और व्यापारिक संबंध खत्म कर लिए थे।
ओमान के मुताबिक, नदवी का लेक्चर देश के सिद्धांत, नीतियों और दृष्टिकोण के खिलाफ था, इसलिए उनको निष्कासित करने का फैसला लिया गया। रियाद ने नदवी के निष्कासन के लिए ओमान को औपचारिक रूप से बधाई दी है। ओमान द्वारा निष्कासित किए जाने के बाद नदवी को मिस्र के 91 वर्षीय इस्लामी धर्मगुरु युसूफ अल करजावी के साथ कतर की राजधानी में देखा गया था। करजावी को आतंकवाद को कथित रूप से समर्थन देने के लिए अरब देशों ने प्रतिबंध सूची में डाल रखा है। करजावी ने आत्मघाती हमले को ‘जिहाद का सर्वोच्च’ रूप करार दिया था।
बगदादी को पत्र लिखकर दी थी बधाई
करजावी के साथ नदवी की मुलाकात भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए काफी मायने रखती है क्योंकि नदवी पर 2014 से सुरक्षा एजेंसियों की नजर है। नदवी ने 2014 में मोसुल की एक मस्जिद से खिलाफत की घोषणा करने के लिए एक पत्र लिखकर आईएस चीफ अबू बकर अल बगदादी को बधाई दी थी, तब से वह सुरक्षा एजेंसियों के राडार पर हैं। बाद में नदवी ने अपने बचाव में कहा था कि उन्होंने बगदादी से भारत समेत अन्य देशों के साथ अच्छे संबंध बनाने और कट्टरता नहीं फैलाने के लिए लिखा था।
कौन हैं सलमान नदवी?
सलमान नदवी का संबंध सुन्नी इस्लाम के बड़े शिक्षा स्थल दारुल उलूम नदवतुल उलेमा, लखनऊ से है। कभी वह सऊदी अरब के पक्के प्रशंसक रहे हैं और एक बार तो सऊदी सरकार को लिखकर सभी अंतरराष्ट्रीय जिहादी संगठनों का एक संघ बनाने की अपील की थी। सऊदी सरकार को लिखे अपने पत्र में उन्होंने भारत और पड़ोसी देशों से 5,00,000 जवानों की एक इस्लामी सेना बनाने का भी सुझाव दिया था।