Home राज्य अन्य रोहिंग्या पर बोले संघ प्रमुख, अपनी कीमत पर मानवता नहीं

रोहिंग्या पर बोले संघ प्रमुख, अपनी कीमत पर मानवता नहीं

0
SHARE

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर में दशहरा रैली को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कश्मीर के अलावा समान नागरिक संहिता और म्यांमार की रोहिंग्या शरणार्थी समस्या का जिक्र किया। डोकलाम में भारत की रणनीति और धैर्य की भी संघ प्रमुख ने अपने भाषण में तारीफ की। इस दौरान भागवत ने मोदी सरकार के भ्रष्टाचार पर उठाए गए कदम की सराहना की। एक नजर उनके संबोधन की अहम बातों पर:

1. समाज में यही चर्चा है कि ऐसा काम हो रहा है और यह भी होना चाहिए, ऐसी चर्चा कहीं नहीं है कि काम नहीं हो रहा है।

2. जम्मू और लद्दाख के साथ पहले सौतेला व्यवहार किया गया। 2-3 महीने पहले कश्मीर में स्थितियां अनिश्चित थीं, लेकिन जिस तरह से अलगाववादियों से निपटा गया है, पुलिस और सेना को पूरा कंट्रोल दिया गया, वह सराहनीय है।

3. कश्मीरी पंडित नागरिक अधिकारों से वंचित हैं। अलगाववादियों पर सख्ती जारी रखते हुए वहां के नागरिकों को आत्मीयता का अनुभव कराना चाहिए, इसके लिए नए प्रावधान बनाने पड़े तो बनाना चाहिए, पुराने प्रावधान हटाने पड़े तो हटाना चाहिए।

4. केरल और बंगाल के हालात आपको पता हैं। वहां जिहादी ताकतें सक्रिय हैं। हम अब तक बांग्लादेश के शरणार्थियों की समस्या से जूझ रहे हैं। रोहिंग्या शरणार्थियों को अगर आश्रय दिया तो रोजगार पर भार और सुरक्षा पर संकट होगा। मानवता की बात ठीक है पर उसके लिए कोई अपने मानवों को समाप्त करे ये ठीक नहीं। वह वहां से यहां क्यों आए हैं। वहां क्यों नहीं रह सकते। सारी जानकारी लेते हैं तो ध्यान आता है कि उनकी अलगाववादी, हिंसक और आपराधिक गतिविधियां इसका कारण हैं। जिहादी ताकतों से उनके संबंध वहां पर उजागर हो गए। इसलिए उस देश के शासन का रवैया भी उनके प्रति कड़ा ही है।

5. सुरक्षा सामान के मामले में स्वावलंबी होना पड़ेगा, इस दिशा में काम करने की गति तेज करनी चाहिए। अपनी सीमाओं पर सुरक्षा को चुनौती देने वालों को हमने जवाब दिया है। सीमा पर और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी।

6. सीमा की समस्याएं कहीं नहीं हैं। सब प्रकार की तस्करी विशेषकर गो तस्करी, बांग्लादेश की सीमा पर चलती है। गोरक्षक और गोरक्षा का प्रचार करने वाले मुस्लिम भी हैं दूसरे संप्रदायों के भी हैं। गाय की रक्षा करने वालों की भी हत्या हुई यूपी में जिसमें सिर्फ बजरंग दल वाले नहीं मुस्लिम भी शहीद हुए। जो गोरक्षा की आड़ में हिंसा करते हैं कानून उन पर ऐक्शन लेगा, गोरक्षकों को परेशान नहीं होना चाहिए अपना काम करते रहना चाहिए। शब्द किसी पर चिपकाना उसे बदनाम करना ठीक नहीं, विजिलांटे शब्द को गाली जैसा बना दिया और गाय के साथ चिपका दिया।

7. भ्रष्टाचार पर नियंत्रण के लिए, आर्थिक प्रगति के लिए कई योजना चली। जनधन सहित कई योजनाओं को चलाने के साथ साहसिक फैसले भी लिए गए। पर आकलन करना पड़ेगा कि क्या असर हुआ।

8. जो अर्थनीति सबका हित नहीं साधती उस पर विचार हो, हमें सब तबके को साथ लेकर चलने वाली नीति चाहिए, हमें अपने देश के हिसाब से अपनी नीति पर काम करना होगा, दुनिया के घिसे-पिटे मानक क्यों मानें।

9. जीडीपी त्रुटिपूर्ण है। छोटे मझले उद्योगों का ज्यादा ध्यान रखना होगा। अमीर और अमीर यह कोई आर्थिक प्रगति नहीं है। पड़ोसी देशों में भारत का स्थान नेता के रूप में बन रहा है।

10. कर्ज माफी शासन की संवेदना को दर्शाता है, प्रशासन को भी सही से काम करना होगा। विकास की सभी नीतियों और मानकों को लेकर हमारे देश की जरूरतों के बारे में दोबारा से सोचना होगा। नई एजुकेशन पॉलिसी का इंतजार है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here