Home राज्य अगले पांच साल के लिए SP के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए अखिलेश

अगले पांच साल के लिए SP के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए अखिलेश

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आगरा के सदर बाजार स्थित तारघर के मैदान में चल रहे समाजवादी पार्टी के 10वें राष्ट्रीय सम्मेलन में अखिलेश यादव को पांच साल के लिए अध्यक्ष चुना गया है। पार्टी के निर्वाचन अधिकारी रामगोपाल यादव ने इसकी आधिकारिक घोषणा की। राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने अखिलेश का नाम सुझाया था।

इससे पहले बुधवार को ही अखिलेश ने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर कहा था कि चाचा शिवपाल ने उन्हें फोन करके अध्यक्ष बनने की अग्रिम बधाई दे दी है। वहीं पिता मुलायम सिंह यादव का आशीर्वाद भी उन पर है। पार्टी के अधिवेशन में मुलायम के शामिल होने की बात कही जा रही है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश ने कहा था कि अधिवेशन में शामिल होने के लिए उन्होंने पिता को घर जाकर निमंत्रण दिया है और उन्हें भरोसा है कि वे जरूर आएंगे। हालांकि अभी मुलायम के शामिल होने पर संशय बरकरार है।

सम्मेलन के बाद होगी शिवपाल- अखिलेश की बैठक
सम्मेलन के बाद शिवपाल और अखिलेश की अलग बैठक होगी। बताया जा रहा है कि यह मीटिंग शिवपाल-अखिलेश के बीच फोन पर बातचीत के आधार पर मंगलवार को ही तय हो गई थी। शिवपाल ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में बताया, ‘मैंने मंगलवार शाम अखिलेश से बात की और पार्टी अध्यक्ष के रूप में उनके चुनाव पर बधाई दी।’ बताते चलें कि करीब नौ महीने के बाद अखिलेश और शिवपाल के बीच ये मुलाकात होने जा रही है।

नौ महीने के बाद होगी मुलाकात
यूपी विधानसभा चुनाव से पहले सितंबर 2016 से ही अखिलेश और शिवपाल के बीच संबंध खराब चल रहे थे। यहां तक कि जसवंतनगर में वोटिंग के दिन भी शिवपाल ने आरोप लगाया था कि प्रशासन ने साजिश के तहत उनके समर्थकों पर लाठीचार्ज किया। शिवपाल कई मंचों से अपरोक्ष तौर पर अखिलेश यादव को निशाने पर लेते रहे हैं। अखिलेश के सपा मुखिया बनने के बाद से दोनों के बीच बातचीत बंद थी। राष्ट्रीय अधिवेशन में 25 राज्यों के लगभग 15 हजार कार्यकर्ता भाग ले रहे हैं।

टकराव खत्म करने का आखिरी मौका
अखिलेश खेमे के लोगों का कहना है कि अगले पांच सालों के लिए पार्टी चीफ के तौर पर चुने जाने से सभी आशंकाओं पर विराम लग गया है। इसके साथ ही मुलायम सिंह यादव के पार्टी प्रमुख के तौर पर वापसी की उम्मीद भी खत्म हो गई है। दरअसल, शिवपाल ने परिवार में समझौते की पूर्व शर्त के तौर पर मुलायम को पार्टी प्रमुख बनाने की मांग रखी थी। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह सम्मेलन यादव परिवार में सुलह कराने का आखिरी मौका है। एक तरफ अखिलेश और उनके चाचा राम गोपाल हैं तो दूसरी तरफ मुलायम और उनके छोटे भाई शिवपाल। दोनों ही पक्षों की ओर से फिलहाल नरमी के संकेत नहीं हैं।

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