नई दिल्ली
आईआरसीटीसी से डेबिट या क्रेडिट कार्ड के जरिए रेल टिकट बुक कराने पर आपको जल्द कम भुगतान करना पड़ेगा। सरकार मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) चार्ज हटाने पर विचार कर रही है, जो आईआरसीटीसी यात्रियों से लेती है। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को बताया कि वह फिलहाल इस सिलसिले में बैंकों से बात कर रहे हैं, ताकि इस बात का पता लगाया जा सके कि रेल यात्रियों को एमडीआर के बोझ से मुक्त करने के लिए क्या किया जा सकता है।
गोयल ने कहा, ‘आईआरसीटीसी कन्ज्यूमर्स को मर्चेंट डिस्काउंट रेट देती है। मैं उससे इसे खत्म करने के लिए कह रहा हूं और हम इसके लिए बैंकों से भी बात कर रहे हैं।’ उनका यह भी कहना था कि यह दो-तीन दिनों में हो जाएगा। इंडिया इकनॉमिक समिट में गोयल ने ये बातें कहीं। इसका आयोजन वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम और कन्फेडरेशन ऑफ इंडिया इंडस्ट्री ने मिलकर किया था।
गोयल के मुताबिक, डिजिटल ट्रांजैक्शंस को फ्री बनाने के लिए बैंकों को अपने मॉडल पर फिर से काम करना होगा। उन्होंने इस सिलसिले में विस्तार से जानकारी दिए बिना कहा, ‘मैं इस बात से सहमत हूं कि एमडीआर का वजूद होना चाहिए, लेकिन न तो कन्ज्यूमर और न ही मर्चेंट को इसका भुगतान करना चाहिए।’
आरबीआई ने पहले डेबिट कार्ड के जरिए 1,000 रुपये तक के पेमेंट पर एमडीआर चार्ज को घटाकर 0.25 फीसदी तक कर दिया था। डेबिट कार्ड पेमेंट (सरकारी पेमेंट समेत) से 1,000 रुपये तक के पेमेंट के लिए एमडीआर को घटाकर 0.25 फीसदी और 1,000 से 2,000 रुपये के ट्रांजैक्शंस पर 0.5 फीसदी कर दिया था। बड़े ट्रांजैक्शंस पर 1 फीसदी का एमडीआर लगता है। ये रेट नोटबंदी के बाद आरबीआई की तरफ से जारी गाइडलाइंस पर आधारित हैं, जिसकी मियाद बाद में भी बढ़ा दी गई है।
एमडीआर को तर्कसंगत बनाने के लिए 16 फरवरी को रिजर्व बैंक की ओर जारी ड्राफ्ट गाइडलाइंस के मुताबिक, रेलवे टिकट और पैसेंजर सर्विस ट्रांजैक्शंस पर 1 से 1,000 रुपये के लेनदेन पर 5 रुपये की फ्लैट फीस और 1,001 से 2,000 रुपये तक के लेनदेन पर 10 रुपये फीस लगाए जाने की बात है। ऊंची वैल्यू वाले ट्रांजैक्शंस पर एमडीआर का 0.5 फीसदी तक या अधिकतम 250 रुपये का चार्ज लगाया जा सकता है। हालांकि, टिकट खरीदने वाले मोबाइल वॉलिट का इस्तेमाल कर बुकिंग का भुगतान कर सकते हैं, जिस पर कन्ज्यूमर या मर्चेंट के लिए कोई चार्ज नहीं है।