भोपाल
मध्य प्रदेश कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि राज्य में कर्ज के बोझ और फसलों की बर्बादी के कारण किसान आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं। कांग्रेस ने दावा किया कि बीते चार महीनों में राज्य के 124 किसानों ने आत्महत्या की है। कांग्रेस ने इस बारे में किसानों की एक सूची भी जारी की है। इस सूची के जारी करने के बाद कांग्रेस ने सरकार से प्रभावित किसान परिवारों का कर्ज माफ करने, उन्हें पांच लाख रुपए का मुआवजा और एक सदस्य को नौकरी देने की मांग की है।
राज्य विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता अजय सिंह ने रविवार को जारी एक बयान में कहा है कि जून में मंदसौर के पिपल्या मंडी में पुलिस की गोली से छह किसानों के मारे जाने के बाद से प्रतिदिन एक किसान आत्महत्या कर रहा है। उन्होंने किसानों की आत्महत्या का ब्यौरा देते हुए कहा, ‘124 दिनों में 124 किसान आत्महत्या कर चुके हैं। 19 किसान आत्महत्या का प्रयास कर चुके हैं और एक किसान ने इच्छा मृत्यु की मांग की है। मुख्यमंत्री के गृह जनपद में ही 15 किसानों ने आत्महत्या की है। ये हालात बताते हैं कि प्रदेश का किसान कितना हताश है।’
टीकमगढ़ की घटना के बाद सरकार पर सवाल
अजय सिंह ने टीकमगढ़ में में किसानों को थाने में बंद कर कपड़े उतरवाने का जिक्र करते हुए कहा कि टीकमगढ़ की घटना बताती है कि एक किसान पुत्र के मुख्यमंत्री होने के बावजूद किसानों के साथ किस तरह का बर्ताव हो रहा है। घटना के एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी किसानों के कपड़े उतरवाने वाले कुतर्क करते हुए घूम रहे हैं। जांच के नाम पर पुलिस किसानों को अपराधी बनाने में जुटी है।
‘सरकार कर रही है आत्महत्या के लिए मजबूर’
नेता प्रतिपक्ष ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार ने किसानों के साथ अन्याय किया तो कांग्रेस पार्टी इसका मुंहतोड़ जवाब देगी। वहीं प्रदेश में सूखे के हालात का जिक्र करते हुए सिंह ने कहा कि सूखे की चपेट में आने के बाद प्रदेश के किसान परेशान हैं लेकिन अब तक सरकार ने इसपर कुछ नहीं बोला है। उन्होंने कहा कि खरीफ की फसल के बाद रबी की फसल भी बर्बाद हो चुकी है लेकिन किसान हितैशी सरकार का मौन बताता है कि वह अब किसानों की मदद करने के बजाए उन्हें आत्महत्या के लिए मजबूर कर रही है। इस दौरान सिंह ने सरकार से मांग की कि सरकार सूखाग्रस्त इलाकों के लिए विशेष पैकेज की घोषणा करे जिससे कि किसानों को कर्ज माफी और फसलों की क्षतिपूर्ति दी जा सके।