भोपाल
मप्र में अब नर्मदा नदी से सिर्फ उन्हीं स्थानों से रेत निकाली जाएगी, जहां से जरूरी होगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंंह चौहान ने सोमवार को अमरकंटक में नर्मदा सेवा यात्रा के समापन के मौके पर कहा कि सरकार ने आईआईटी स्र्ड़की के वैज्ञानिकों से कहा है कि वे बताएं कि नर्मदा से रेत निकालना कहां-कहां जरूरी है, जहां जरूरी है वहीं से रेत निकाली जाएगी। इसके अलावा हीरा भी रहा, तो नहीं निकाला जाएगा। गौरतलब है कि मप्र में नर्मदा से अवैध रेत खनन का लगातार मुद्ददा उठ रहा है। विधानसभा में भी कांग्रेस कई बार नर्मदा से रेत खनन को बंद करने की मांग करती आई है।
अमरकंटक से हटाए जाएंगे यूकेलिप्टस के पेड़
मुख्यमंत्री ने कहा कि पता नहीं किस सरकार ने अमरकंटक में यूकेलिप्टस के पेड़ की प्लांटिंग करवा दी। ये यूकेलिप्टस के पेड़ नर्मदा के लिए घातक हैं। अमरकंटक की पहाड़ियों से ये पेड़ हटाए जाएंगे और एक पेड़ की जगह पांच पेड़ लगाए जाएंंगे। अमरकंटक में शाल, शाज, महुआ, बरगद और पीपल के पेड़ रौपे जाएंगे।
जैविक खेती के लिए सर्टिफिकेशन होगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि अनूपपुर, उमरिया के आदिवासी जैविक खेती कर रहे हैं। नर्मदा किनारे अन्य जिलों में भी जैविक खेती हो, इसके लिए चरणबद्ध काम किया जाएगा। किसानों का सर्टिफिकेशन किया जाएगा। 2 जुलाई को नर्मदा किनारे 6 करोड़ और पूरे मप्र में 12 करोड़ पौध्ो रौपे जाएंगे। वहीं अगले साल 15 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे।
विवि में खुलेंगे नदी संरक्षण विभाग
शिवराज ने घोषणा की कि नदी संरक्षण पर काम करने के लिए विश्वविद्यालयों में नदी संरक्षण विभाग खोले जाएंगे। इस विभाग के छात्र नदी को साफ स्वच्छ रखने के लिए काम करेंगे।
1 साल बाद रिपोर्ट दूंगा, नर्मदा को बचाने के लिए कितना काम हुआ
शिवराज ने कहा कि आज 15 मई है। आज से ठीक एक साल बाद मैं नर्मदा सेवा पर रिपोर्ट कार्ड दूंगा कि कितना काम हुआ। उन्होंने कहा कि नर्मदा सेवा मिशन को मुख्यमंत्री लीड करेगा और हर महीने इसकी बैठक होगी। नर्मदा सेवा समिति नर्मदा संरक्षण के लिए काम करेगी। जुलाई में पौधे लगाए जाएंगे। हर एक पौधे की सुरक्षा के लिए सेवक बनाए जा रहे हैं। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने नर्मदा संरक्षण की कार्ययोजना पुस्तक भी जारी की।
मुख्यमंत्री ने नर्मदा सेवा मिशन 2017 कार्य-योजना प्रधानमंत्री को सौंपी
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज अनूपपुर जिले के अमरकंटक में “नमामि देवि नर्मदे’- सेवा यात्रा की पूर्णता और नर्मदा सेवा मिशन के शुभारंभ् प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को नर्मदा सेवा मिशन की कार्ययोजना-2017 सौंपी। इस मिशन को 19 विभाग मिलकर आगे बढ़ायेंगे।
नर्मदा नदी के प्रवाह को निरंतर बनाये रखने के लिये विभिन्न विभागों की गतिविधियां और जिम्मेदारियां तय कर दी गई हैं। नर्मदा प्रवाह के लिये वन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, कृषि विकास, मत्स्य-पालन, नर्मदा घाटी विकास, नगरीय विकास, पशुपालन, ग्रामोद्योग, राजस्व, खनिज, उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण, पर्यावरण, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा, पर्यटन, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, सामाजिक न्याय, संस्कृति, उद्योग, योजना एवं आर्थिक सांख्यिकी विभाग मिलकर योजना बनायेंगे और परस्पर सहयोग एवं समन्वय के साथ उसे क्रियान्वित करेंगे।
वन विभाग नर्मदा नदी की जीआईएस मैपिंग का काम शुरू करेगा। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग नर्मदा नदी की सहायक नदियों के संरक्षण के लिये पंचायतों की भूमिका तय करेगा। नर्मदा किनारे के गांवों को पूरी तरह खुले में शौच जाने से मुक्त करेगा। कृषि विभाग हर साल प्रत्येक ग्राम पंचायत में 50 एकड़ जमीन पर जैविक खेती का विस्तार करेगा। नर्मदा घाटी विकास विभाग यह सुनिश्चित करेगा कि नदी पर निर्मित या निर्माणाधीन बाँधों के कारण नदी का बहाव बाधित नहीं हो और नदी के पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचे।
नगरीय विकास विभाग नर्मदा नदी में गंदे नालों को मिलने से रोकेगा और मल-जल के निष्पादन की व्यवस्था करेगा। नर्मदा के किनारे सिंचाई के लिये सोलर पंप के उपयोग को बढ़ावा दिया जायेगा। नर्मदा नदी को प्रदूषणमुक्त बनाने के लिये संस्कृति विभाग द्वारा संत और समाज के बीच समन्वय एवं संवाद स्थापित किया जायेगा।
नर्मदा और सहायक नदियों को औद्योगिक प्रदूषण से बचाने के लिये उद्योग विभाग काम करेगा। योजना विभाग नर्मदा साक्षरता का विस्तार करेगा और नर्मदा ज्ञान केन्द्रों की स्थापना की जायेगी।