नई दिल्ली
चुनाव आयोग ने मतदान प्रक्रिया में महत्वपूर्ण सुधार की घोषणा की है। अब एक पोलिंग बूथ पर 1,400 से ज्यादा मतदाता वोट नहीं डाल सकेंगे। वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) की क्षमताओं को देखते हुए यह फैसला किया गया है।
एक वीवीपीएटी से 1,500 से ज्यादा रसीदें नहीं निकल सकतीं। हिमाचल प्रदेश की सभी 68 विधानसभा सीटों पर वीवीपीएटी युक्त इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) इस्तेमाल की जाएंगी। गोवा के बाद हिमाचल दूसरा ऐसा राज्य है जहां शत-प्रतिशत सीटों पर आधुनिक प्रणाली का प्रयोग किया जाएगा।
आयोग ने सभी राज्यों में मौजूद अपने अधिकारियों के लिए इस बाबत निर्देश जारी किए हैं। इसमें एक मतदाता केंद्र पर वोटरों की अधिकतम संख्या 1,400 सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया है। चुनाव आयोग का मानना है कि मतदान के बीच पेपर रोल को बदलना बेहद जटिल प्रक्रिया साबित होगी। भविष्य में लोकसभा के साथ ही सभी विधानसभा चुनावों को वीवीपीएटी के दायरे में लाने की योजना है।
ऐसे काम करता है VVPAT-
ईवीएम में लगे वीवीपीएटी से मतदान के बाद रसीद निकलती है। मतदाता इससे अपने दिए गए वोट की पुष्टि कर सकेंगे। इसके बाद वहीं रखे एक डिब्बे में इस रसीद को डालना होगा। मतलब यह कि वोटर स्लिप घर नहीं ले जा सकेंगे। मतगणना के दौरान ईवीएम और रसीद का मिलान किया जाएगा।मालूम हो कि पिछले कुछ समय से ईवीएम में छेड़छाड़ का आरोप लगाया जा रहा है। विपक्षी दल सभी चुनाव में वीवीपीएटी युक्त ईवीएम की मांग कर रहे हैं।