Home देश आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर उतरे सुपर हर्क्युलिस और मिराज

आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर उतरे सुपर हर्क्युलिस और मिराज

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उन्नाव

वायु सेना के अत्याधुनिक मालवाहक विमान C-130J सुपर हर्क्युलिस के अगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर उतरने के साथ ही टचडाउन अभ्यास शुरू हो गया। हर्क्युलिस के साथ वायुसेना के गरुण कमांडो भी एक्सप्रेस वे पर उतरे और उन्होंने पूरे रनवे को अपने कब्जे में ले लिया। इसके बाद इस 3.5 किमी लंबी एयर स्ट्रिप पर वायुसेना के लड़ाकू विमानों के उतरने का सिलसिला शुरू हुआ।

सबसे पहले वायुसेना के गोरखपुर एयरबेस से लंबी दूरी तक बम गिराने में सक्षम विमान जगुआर टचडाउन के लिए आया। उन्नाव की बांगरमऊ स्थित एयर स्ट्रिप के दोनों तरफ मौजूद हजारों लोगों ने तालियों के साथ जगुआर का स्वागत किया। इसके बाद कारगिल युद्ध के दौरान दुश्मन के बंकर को तबाह करने वाले विमान मिराज-2000 फाइटर प्लेन आए और एयर स्ट्रिप को छूकर निकल गए। मिराज की आकाश में गर्जना बस देखते ही बन रही थी। अभ्यास के अगले चरण में रूस निर्मित सुखोई 30 एमकेआई लड़ाकू विमान एयर स्ट्रिप पर आए और छूकर वापस आकाश में चले गए।

बता दें, आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने के लिए भारतीय वायुसेना आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर अपने खतरनाक फाइटर जेट से लैंडिंग और टेक-ऑफ का अभ्यास कर रही है। इसकी शुरुआत मालवाहक विमान C-130J सुपर हर्क्युलिस से हुई। यह विशालकाय विमान इस पूरे अभ्यास का मुख्य आकर्षण भी है।

वर्तमान समय में भारतीय वायुसेना के पास अमेरिका निर्मित 6 C-130J सुपर हर्क्युलिस मालवाहक विमान हैं। इनमें से दो बक्शी का तालाब स्थित एयर बेस पर तैनात हैं। अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस इस सैन्य परिवहन विमान में 4 टर्बोप्रोप इंजन लगे हैं। यह विमान हवा में ईंधन भरने और लोडर का भी काम करता है। वर्ष 2008 में भारतीय वायुसेना को पहला हर्क्युलिस विमान मिला था। इसकी शानदार खूबियों को देखते हुए वायुसेना की और ज्यादा विमान खरीदने की योजना है।

यह विमान अपने आप में बेहद खास है। इसमें इतना पानी भरा जा सकता है कि जंगल में लगी आग को बुझाया जा सके। इस विमान में तोपें, गोला बारूद, बम, सैनिकों के लिए साजो-सामान आदि ले जाया जा सकता है। बता दें, एक्सप्रेस वे मंगलवार दो बजे तक आम यात्रियों के लिए बंद रहेगा। इस अभ्यास में 20 एयरक्राफ्ट हिस्सा लेंगे। यह अभ्यास उन्नाव के नजदीक बांगरमऊ में हो रहा है। इस दौरान किसी भी प्रकार की आपदा, युद्ध आदि आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने के लिए अभ्यास किया जाएगा।

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