Home राज्य मप्र विदेशी कंपनियों को पछाड़कर भेल ने झटका 20400 करोड़ का आर्डर

विदेशी कंपनियों को पछाड़कर भेल ने झटका 20400 करोड़ का आर्डर

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भोपाल

बिजली के भारी उपकरण बनाने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की महारत्न कंपनी भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) को तेलंगाना सरकार से याद्री सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर परियोजना के लिए 20,500 करोड़ रुपए का ऑर्डर मिला है। इस प्रोजेक्ट को पाने के लिए विदेशी कंपनियों ने भी टेंडर भरकर दावेदारी जताई थी।

देश के ऊर्जा क्षेत्र का यह ऑर्डर भेल की भोपाल यूनिट के लिए बड़ी सौगात लेकर आया है। यूनिट के इस साल के उत्पादन लक्ष्य 4486 करोड़ रुपए में जुड़े 400 करोड़ रुपए के काम शुरू होने की उम्मीद बंध गई है। एन्वायर्नमेंट क्लीयरेंस के कारण दो साल से इस ऑर्डर का इंतजार था।

सोमवार को क्लीयरेंस मिलते ही भेल यूनिट में यह खुशखबरी आई। भोपाल यूनिट को एडवांस के रूप में अभी 40 करोड़ रुपए मिलेंगे, जिससे यहां काम शुरू हो सके। तेलंगाना राज्य पावर जनरेशन कॉर्पोरेशन को 800 मेगावाट के पांच संयंत्र लगाने हैं। इस संयंत्र में लगने वाले 16 ट्रांसफार्मर भोपाल यूनिट में बनेंगे। इसके साथ ही स्विच गियर और इलेक्ट्रिकल्स मोटर भी इसी यूनिट में बनेंगे।

प्रोजेक्ट शुरू होने के बाद जरूरत के अनुसार भोपाल यूनिट को काम मिलता रहेगा। भेल भोपाल यूनिट के ईडी डीके ठाकुर के अनुसार-हमारे पास इस समय करीब 8000 करोड़ रुपए के ऑर्डर हैं। तेलंगाना में थर्मल यूनिट बनना है। थर्मल में भोपाल का होल्ड हाइड्रो के मुकाबले कम है, इसके बाद भी ट्रांसफार्मर व अन्य उपकरण भोपाल ही बनाएगा।

बांग्लादेश-भूटान के भी काम
तेलंगाना के नालगोंडा जिले के दमारचेरला नामक स्थान पर बनने वाली इस परियोजना के लिए अभियांत्रिकी, खरीद एवं निर्माण की पूरी जिम्मेदारी भेल की होगी। तेलंगाना में भेल को 800 मेगावाट की 5 यूनिट बनाना है। इसके पहले भेल को 10 हजार करोड़ रुपए का ऑर्डर दो साल पहले बांग्लादेश से मिला था। पिछले साल 430 करोड़ का ऑर्डर भूटान से मिला है।

अच्छे उत्पादन के कारण भोपाल यूनिट करेगी लीड
तेलंगाना से मिले ऑर्डर का काम भले ही भेल की सभी यूनिटों में हो, लेकिन लीड भोपाल यूनिट ही करेगी। क्योंकि इस प्रोजेक्ट की सभी पांचों पावर ईकाई में लगने वाले ट्रांसफार्मर भोपाल में बनना हैं। इसके पहले से ही भोपाल यूनिट लीड करती आ रही है, क्योंकि पिछले वित्तीय वर्ष में सभी यूनिट घाटे में रहीं और भोपाल यूनिट ने साढ़े चार सौ करोड़ रुपए का लाभ कमाया।

अन्य यूनिटों के घाटे में जाने से टोटल भेल को घाटा हुआ था। जबकि बीते वित्तीय वर्ष में भोपाल यूनिट को 650 करोड़ रुपए का लाभ होने से भेल कार्पोरेट का लाभ 638 करोड़ रहा। अंतरराष्ट्रीय इस प्रोजेक्ट के लिए अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों ने टेंडर भरे थे।

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