लखनऊ
लेखन संबंधी गलती या जान- बूझकर किया गया काम ? 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस के मौके पर यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के आधिकारिक भाषण से दो पैराग्राफ के गायब होने पर सीएम ऑफिस ने इसकी जांच के लिए कहा है। सीएम योगी के भाषण के इन दो पैराग्राफ में पुलिस दल के लिए भत्ता और शहीदों के परिवार के लिए आर्थिक मदद बढ़ाने की महत्वपूर्ण घोषणा थी लेकिन पैराग्राफ मिटाए जाने के कारण वह ये महत्वपूर्ण घोषणाएं नहीं कर पाए। बाद में प्रेस रिलीज जारी कर इन घोषणाओं का प्रचार किया गया। इसमें पहली घोषणा शहीदों के परिवार को दी जाने वाली आर्थिक मदद 20 लाख से बढ़ाकर 40 लाख रुपये तक करना शामिल थी।
इसमें शहीद के माता-पिता को 5-5 लाख रुपये दिये जाएंगे, साथ ही दूसरी घोषणा पुलिस दल के सिपाहियों के पौष्टिक आहार भत्ते की राशि अलग-अलग कैटिगरी के लिए बढ़ाकर 200 रुपये करना थी लेकिन सीएम योगी के भाषण में इन दोनों घोषणाओं का जिक्र नहीं था। जिन लोगों ने इसके लिए पहल की थी और प्रस्ताव को मंजूरी दी थी, उन्हें निराशा हाथ लगी।
इस मामले के सामने आते ही सीएम सहित सभी अधिकारीगण हैरान रह गए कि आखिर उनके भाषण से मुख्य बिंदू कैसे गायब हुए। हालांकि पुलिस विभाग ने बाद में सीएम ऑफिस से प्राप्त प्रेस रिलीज में इन दो घोषणाओं को जोड़कर जारी किया। सीएम इस बात से काफी दुखी हुए और उन्होंने जांच के लिए कहा। साथ ही उन्होंने यह भी पता लगाने को कहा कि क्या ये सिर्फ गलती थी या फिर जानबूझकर किया गया कार्य था।
टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने इस बात की हामी भरते हुए कहा, ‘हां, मुख्यमंत्री ने अपने आधिकारिक भाषण से हुई छेड़छाड़ की जांच के लिए बोला है और इसके पीछे असली वजह खोजने का आदेश दिया है।’ इसके अलावा अपराधियों के खिलाफ लड़ाई का दृढ़ संकल्प करने वाले योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश कंट्रोल ऑफ क्राइम अथॉरिटी को मामले में देरी करने के लिए नोटिस भी भेजा है।