पेइचिंग
चीन के इतिहास में तीसरे सबसे ताकतवर नेता घोषित होने के बाद शी चिनफिंग को दूसरी बार चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) का प्रमुख चुना गया है। बुधवार को पेइचिंग में घोषित किया गया कि शी 2022 तक सीपीसी के अध्यक्ष बने रहेंगे। इस दौरान वह देश के प्रेजिडेंट भी रहेंगे। पार्टी की बैठक में उनके अगले उत्तराधिकारी को लेकर न कोई चर्चा हुई और न ही ऐसा संकेत दिया गया। शी के साथ चुने गए पोलित ब्यूरो के अन्य सदस्यों में से किसी की उम्र इतनी कम नहीं है कि अगली बार राष्ट्रपति बन सके। चीनी पार्टी के संविधान के अनुसार 68 साल की उम्र पूरी करने के बाद रिटायरमेंट तय होता है। इन वजहों से यह माना जा रहा है कि शी 2022 के बाद भी सत्ता में बने रहेंगे।
छठम हाउस के एशिया प्रोग्राम के असोसिएट फेलो प्रफेसर कैरी ब्राउन ने द इंडिपेंडेंट से कहा, ‘कम्युनिस्ट पार्टी ने माओ त्से तुंग और शियोपिंग की तरह शी चिनफिंग का नाम और उनके विचारों को संविधान में शामिल करके पहले ही उनका कद बढ़ा दिया है। इस कड़ी ने शी के लिए अनिश्चितकाल तक पार्टी नेता बने रहने का स्थान बना दिया है।’
ब्राउन कहते हैं, ‘शी राष्ट्रपति के रूप में 2 कार्यकाल पूरा करने के बाद भी कम्युनिस्ट पार्टी के तब तक प्रमुख बने रह सकते हैं, जब तक स्वास्थ्य और राजनीतिक परिस्थितियां उनका साथ दें। शक्ति राष्ट्रपति में नहीं, बल्कि पार्टी में है। वह 15 से 20 साल तक बने रह सकते हैं।’
उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रपति के मजबूत स्थिति का मतलब यह है कि वह उत्तर कोरिया और दक्षिण चीन सागर में प्रसार की इच्छा पर कठोरता अपना सकते हैं। ब्राउन ने कहा, ‘यह इस बात पर निर्भर करता है कि अगले तीन-चार साल में क्या राजनीतिक परिस्थितियां रहेंगी। यदि वह अच्छा करते हैं और लोग यह मानते रहेंगे कि वह महान हैं तो उनके बने रहने की अच्छी संभावना है।’
राष्ट्रपति शी चिनफिंग के अलावा प्रधानमंत्री ली क्विंग अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे। पोलित ब्यूरो के पांच सदस्य भी चुने गए हैं। सभी सात सदस्यों की उम्र 60 वर्ष से अधिक है। पहली बार है जब स्टैंडिंग कमिटी का कोई भी सदस्य 1949 के कम्युनिस्ट आंदोलन से पहले पैदा नहीं हुआ। कभी कोई महिला पोलित ब्यूरो स्टैंडिंग कमिटी की सदस्य नहीं रही है। नए बोलित ब्यूरो के 25 सदस्यों में एकमात्र महिला सन चनलन को शामिल किया गया है। वर्ल्ड इकॉनमिक फोरम के ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट के मुताबिक महिलाओं की राजनीतिक सशक्तिकरण के मामले में चीन का स्थान 144 देशों में 74वां है।
शी ने महासचिव के पद पर वापसी के बाद कहा, ‘यह केवल मेर काम पर मुहर नहीं है बल्कि यह प्रोत्साहन है जो मुझे प्रेरित करता रहेगा। दशकों से कड़ी मेहनत के साथ, चीनी विशेषताओं के साथ समाजवाद एक नए युग में प्रवेश कर चुका है। इस नए संदर्भ में, हमें एक नया रूप प्राप्त करना होगा और महत्वपूर्ण रूप से नई उपलब्धियां हासिल करनी होगी।’
कमिटी के गठन से यह प्रदर्शित होता है कि राष्ट्रपति 8.9 करोड़ सदस्यों वाले संगठन के विभिन्न समूहों के बीच संतुलन साधकर पार्टी को एकजुट रखना चाहते हैं ताकि देश-विदेश में चीन के हितों को साधने के लिए उनकी स्थिति बेहतर रहे।
शी ने पहले 5 साल में भ्रष्टाचार के खिलाफ कई कदम उठाए और इसे अपनी पहचान बनाई। इससे आम चीनियों के बीच काफी लोकप्रियता मिली। इसे पार्टी में सभी स्तरों पर अपना प्रभुत्व बढ़ाने और राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को शांत करने के प्रयास के रूप में भी देखा गया।