नई दिल्ली
हवा में तो पिछले करीब 5 साल से बगदादी उड़ रहा है, मगर अब जब इराक और सीरिया में सेना के हमले से उसकी हवा खराब होने लगी है तो उसने अपने आतंक को भी हवाई बना दिया है. बगदादी का ये हवाई आतंक दरअसल एक ड्रोन है, जिसमें बगदादी के आतंकी बारूद भरकर सेना के ठिकानों पर हमले कर रहे हैं. फिलहाल उड़ते हुए इस हवाई आतंक ने कोहराम मचा रखा है. बगदादी का ये हवाई आतंक अब तक कई लोगों की जानें ले चुका है.
अब इसे बगदादी की शैतानी खोपड़ी का खुरपेंच कहें या उसकी बेवकूफी, मगर अब इराकी और अमेरिकी सेना के जंगी जहाज़ों का जवाब वो अपने इन छोटे-छोटे ड्रोन से देने की कोशिश कर रहा है. जहां-जहां बगदादी के आतंकी पहुंच नहीं पाते या पहुंचने की हिम्मत नहीं जुटा पाते हैं, वहां हवा में वो उड़ा देता है ये छोटा आतंकी. ये छोटा आतंकी अक्सर जितना नुकसान पहुंचा जाता है, वो सचमुच के आतंकी यानी बग़दादी के गुर्गे नहीं पहुंचा पाते, और जो आतंक फैलाए वो आतंकी ही तो कहलाएगा.
बगदादी के इशारे पर उसके इस छोटे आतंकी ने अब तक मोसुल में दर्जनभर लोगों की बलि ले ली है. मगर बगदादी का ये मिशन इसलिए फेल होता जा रहा है कि उसके ड्रोन ने जिन लोगों को मारा वो आम शहरी थे. वरना इराक के सैनिकों ने तो ताबड़तोड़ फायरिंग करके बगदादी के इस ड्रोन को उड़ते ही वहीं गिरा दिया. और उन्हें सेना के ठिकानों पर मंडराने का मौका ही नहीं दिया. हां मगर चाहे वो इराकी हो या अमेरिकी दोनों ही सेनाओं ने ये माना है कि बगदादी का ये छोटा आतंकी उन्हें परेशान ज़रूर कर रहा है.
आतंकियों की तरफ से चोरी-छिपे सेना के ठिकानों पर कम घातक बम गिराए जा रहे हैं. जो महज़ थोड़ी देर की बेचैनी ही पैदा कर रहे हैं और इनकी बनावट और इनके आकार को देखकर भी ये साफ़ है कि इनमें ज़्यादा बारूद उठाने की सलाहियत है भी नहीं. यूं भी इस ड्रोन के ज़रिए बगदादी का मक़सद कोई बहुत भारी तबाही मचाने का नहीं है. वो तो बस इस ड्रोन में लगे कैमरे में वो तस्वीरें कैद करना चाहता है जिससे वो दुनिया तो ये बता सके कि अभी भी वो कमज़ोर नहीं है.
बगदादी के इन ड्रोन में कैमरे और जीपीएस के अलावा ऐम यानी निशाना लगाने की डिवाइस भी इंस्टॉल है. जिसके ज़रिए वो सेना के ठिकानों को अपना निशाना बनाने की कोशिश कर रहा है. यानी आम के आम और गुठलियों के दाम. एक तरफ़ से निशाना और दूसरी तरफ़ से फोटोग्राफ़ी. मोसुल के उत्तरी हिस्से में हथियारों को भरकर ले जा रहे सेना के इस ट्रक को आतंकियों ने ड्रोन से निशाना बनाया और एक धमाके के साथ सब कुछ तबाह कर दिया.
बगदादी के उड़ते आतंकी के कैमरे में ऐसी बहुत सारी तस्वीरें कैद हो चुकी हैं. सेना के बेस पर उड़कर बगदादी का ये छोटा आतंकी ऊंचाई पर मंडराता है तो ठीक से दिखाई भी नहीं देता. मगर जब वो ऐसे छोटे-छोटे रॉकेट हवा से छोड़ता है तो सैनिकों को भागने का मौका भी नहीं मिलता है. बगदादी के ड्रोन ने यहां हमला तो किया मगर उससे न तो कोई ज़्यादा तबाही मची और न ही किसी मौत. हां मगर थोड़ी देर के लिए खौफ ज़रूर पैदा हो गया.
कुल मिलाकर बगदादी चाहता भी यही है कि उसके ये उड़ते आतंकी सेना को अपने हमले से भटकाते रहें, ताकि जिस ताकत के साथ मोसुल में उस पर चढ़ाई की जा रही है उसमें कमी आ सके. अब तक मिली जानकारी के मुताबिक आईएसआईएस ने मोसुल में इराकी सैन्य ठिकानों पर तीन दर्जन से ज़्यादा ड्रोन अटैक किए हैं. और इन हमलों में करीब एक दर्जन लोग मारे गए. मगर मारे जाने वालों में एक भी सैनिक शामिल नहीं है.
मोसुल में दरअसल बगदादी रोज़ नए-नए प्रयोग इसलिए कर रहा है क्योंकि उसे पता है कि हज़ारों की तादाद में इराकी और करीब 1700 अमेरिकी सैनिक बहुत तेज़ी से उसकी तरफ मौत का पैगाम लिए बढ़ रहे हैं. मोसुल के रेतीले मैदानों में बगदादी के हिस्से में कामयाबी कम और बेइज्ज़ती ज़्यादा आ रही है. जिन ड्रोन को उड़ाकर बगदादी इराकी और अमेरिकी सेना को डराने की कोशिश कर रहा है. उसके बारे में मोसुल में तैनात अमेरिकी कमांडर का कहना है कि ऐसे ड्रोन से तो बच्चे खेलते हैं.
ये सच्चाई भी है कि ड्रोन को हवा में उड़ाकर जितनी तबाही मचाने का बगदादी ने प्लान बनाया था. वो उससे उतनी तबाही मचा नहीं पाया. नीचे अमेरिका के कमांडो तो ऊपर बगदादी का आतंकवादी. इस रेगिस्तान में नीचे अमेरिकी सेना इराक के साथ लड़ रही है तो ऊपर अमेरिका में बना हुआ ड्रोन बगदादी के लिए लड़ रहा है. नीचे अमेरिकी सेना बगदादी के आतंकियों को ठिकाने लगा रही है तो ऊपर अमेरिकी ड्रोन इराकी सेना के ठिकानों पर हमला बोल रहा है.
बहुत मुमकिन है कि जो ड्रोन बगदादी मोसुल में उड़ा रहा है वो आपने अपने इलाके में भी देखा हो. ये दरअसल हवा में उड़ने वाला एक ख़ास तरह की तकनीक से लैस खिलौने जैसा जहाज़ है, जिसका इस्तेमाल बड़े देशों में जीपीएस के ज़रिए सामान की डिलीवरी करने और ट्रैफिक पर नज़र बनाए रखने के लिए किया जाता है. बगदादी इन्हीं ड्रोन को बारूद, ग्रेनेड और छोटे रॉकेट से लैस करके तबाही की प्लानिंग कर रहा है.
अमेरिकी सेना के मुताबिक़ आईएसआईएस इन ड्रोन के ज़रिए हमला करने के अलावा उनका इस्तेमाल इसलिए भी कर रहा है ताकि ये पता लगा सके कि इराक़ी सेना कहां-कहां मोर्टार दाग़ने वाली है. जिसके मुताबिक़ ही बगदादी के लड़ाके भी अपना टारगेट तय करते हैं. आज सिर्फ़ आईएसआईएस ही नहीं, बल्कि इराक़ी फ़ौज ने भी इन ड्रोन का इस्तेमाल मोसुल की लड़ाई में किया है. मगर सेना में इस्तेमाल होने वाले ड्रोन आम ड्रोन से अलग हैं
नई दिल्ली
हवा में तो पिछले करीब 5 साल से बगदादी उड़ रहा है, मगर अब जब इराक और सीरिया में सेना के हमले से उसकी हवा खराब होने लगी है तो उसने अपने आतंक को भी हवाई बना दिया है. बगदादी का ये हवाई आतंक दरअसल एक ड्रोन है, जिसमें बगदादी के आतंकी बारूद भरकर सेना के ठिकानों पर हमले कर रहे हैं. फिलहाल उड़ते हुए इस हवाई आतंक ने कोहराम मचा रखा है. बगदादी का ये हवाई आतंक अब तक कई लोगों की जानें ले चुका है.
अब इसे बगदादी की शैतानी खोपड़ी का खुरपेंच कहें या उसकी बेवकूफी, मगर अब इराकी और अमेरिकी सेना के जंगी जहाज़ों का जवाब वो अपने इन छोटे-छोटे ड्रोन से देने की कोशिश कर रहा है. जहां-जहां बगदादी के आतंकी पहुंच नहीं पाते या पहुंचने की हिम्मत नहीं जुटा पाते हैं, वहां हवा में वो उड़ा देता है ये छोटा आतंकी. ये छोटा आतंकी अक्सर जितना नुकसान पहुंचा जाता है, वो सचमुच के आतंकी यानी बग़दादी के गुर्गे नहीं पहुंचा पाते, और जो आतंक फैलाए वो आतंकी ही तो कहलाएगा.
बगदादी के इशारे पर उसके इस छोटे आतंकी ने अब तक मोसुल में दर्जनभर लोगों की बलि ले ली है. मगर बगदादी का ये मिशन इसलिए फेल होता जा रहा है कि उसके ड्रोन ने जिन लोगों को मारा वो आम शहरी थे. वरना इराक के सैनिकों ने तो ताबड़तोड़ फायरिंग करके बगदादी के इस ड्रोन को उड़ते ही वहीं गिरा दिया. और उन्हें सेना के ठिकानों पर मंडराने का मौका ही नहीं दिया. हां मगर चाहे वो इराकी हो या अमेरिकी दोनों ही सेनाओं ने ये माना है कि बगदादी का ये छोटा आतंकी उन्हें परेशान ज़रूर कर रहा है.
आतंकियों की तरफ से चोरी-छिपे सेना के ठिकानों पर कम घातक बम गिराए जा रहे हैं. जो महज़ थोड़ी देर की बेचैनी ही पैदा कर रहे हैं और इनकी बनावट और इनके आकार को देखकर भी ये साफ़ है कि इनमें ज़्यादा बारूद उठाने की सलाहियत है भी नहीं. यूं भी इस ड्रोन के ज़रिए बगदादी का मक़सद कोई बहुत भारी तबाही मचाने का नहीं है. वो तो बस इस ड्रोन में लगे कैमरे में वो तस्वीरें कैद करना चाहता है जिससे वो दुनिया तो ये बता सके कि अभी भी वो कमज़ोर नहीं है.
बगदादी के इन ड्रोन में कैमरे और जीपीएस के अलावा ऐम यानी निशाना लगाने की डिवाइस भी इंस्टॉल है. जिसके ज़रिए वो सेना के ठिकानों को अपना निशाना बनाने की कोशिश कर रहा है. यानी आम के आम और गुठलियों के दाम. एक तरफ़ से निशाना और दूसरी तरफ़ से फोटोग्राफ़ी. मोसुल के उत्तरी हिस्से में हथियारों को भरकर ले जा रहे सेना के इस ट्रक को आतंकियों ने ड्रोन से निशाना बनाया और एक धमाके के साथ सब कुछ तबाह कर दिया.
बगदादी के उड़ते आतंकी के कैमरे में ऐसी बहुत सारी तस्वीरें कैद हो चुकी हैं. सेना के बेस पर उड़कर बगदादी का ये छोटा आतंकी ऊंचाई पर मंडराता है तो ठीक से दिखाई भी नहीं देता. मगर जब वो ऐसे छोटे-छोटे रॉकेट हवा से छोड़ता है तो सैनिकों को भागने का मौका भी नहीं मिलता है. बगदादी के ड्रोन ने यहां हमला तो किया मगर उससे न तो कोई ज़्यादा तबाही मची और न ही किसी मौत. हां मगर थोड़ी देर के लिए खौफ ज़रूर पैदा हो गया.
कुल मिलाकर बगदादी चाहता भी यही है कि उसके ये उड़ते आतंकी सेना को अपने हमले से भटकाते रहें, ताकि जिस ताकत के साथ मोसुल में उस पर चढ़ाई की जा रही है उसमें कमी आ सके. अब तक मिली जानकारी के मुताबिक आईएसआईएस ने मोसुल में इराकी सैन्य ठिकानों पर तीन दर्जन से ज़्यादा ड्रोन अटैक किए हैं. और इन हमलों में करीब एक दर्जन लोग मारे गए. मगर मारे जाने वालों में एक भी सैनिक शामिल नहीं है.
मोसुल में दरअसल बगदादी रोज़ नए-नए प्रयोग इसलिए कर रहा है क्योंकि उसे पता है कि हज़ारों की तादाद में इराकी और करीब 1700 अमेरिकी सैनिक बहुत तेज़ी से उसकी तरफ मौत का पैगाम लिए बढ़ रहे हैं. मोसुल के रेतीले मैदानों में बगदादी के हिस्से में कामयाबी कम और बेइज्ज़ती ज़्यादा आ रही है. जिन ड्रोन को उड़ाकर बगदादी इराकी और अमेरिकी सेना को डराने की कोशिश कर रहा है. उसके बारे में मोसुल में तैनात अमेरिकी कमांडर का कहना है कि ऐसे ड्रोन से तो बच्चे खेलते हैं.
ये सच्चाई भी है कि ड्रोन को हवा में उड़ाकर जितनी तबाही मचाने का बगदादी ने प्लान बनाया था. वो उससे उतनी तबाही मचा नहीं पाया. नीचे अमेरिका के कमांडो तो ऊपर बगदादी का आतंकवादी. इस रेगिस्तान में नीचे अमेरिकी सेना इराक के साथ लड़ रही है तो ऊपर अमेरिका में बना हुआ ड्रोन बगदादी के लिए लड़ रहा है. नीचे अमेरिकी सेना बगदादी के आतंकियों को ठिकाने लगा रही है तो ऊपर अमेरिकी ड्रोन इराकी सेना के ठिकानों पर हमला बोल रहा है.
बहुत मुमकिन है कि जो ड्रोन बगदादी मोसुल में उड़ा रहा है वो आपने अपने इलाके में भी देखा हो. ये दरअसल हवा में उड़ने वाला एक ख़ास तरह की तकनीक से लैस खिलौने जैसा जहाज़ है, जिसका इस्तेमाल बड़े देशों में जीपीएस के ज़रिए सामान की डिलीवरी करने और ट्रैफिक पर नज़र बनाए रखने के लिए किया जाता है. बगदादी इन्हीं ड्रोन को बारूद, ग्रेनेड और छोटे रॉकेट से लैस करके तबाही की प्लानिंग कर रहा है.
अमेरिकी सेना के मुताबिक़ आईएसआईएस इन ड्रोन के ज़रिए हमला करने के अलावा उनका इस्तेमाल इसलिए भी कर रहा है ताकि ये पता लगा सके कि इराक़ी सेना कहां-कहां मोर्टार दाग़ने वाली है. जिसके मुताबिक़ ही बगदादी के लड़ाके भी अपना टारगेट तय करते हैं. आज सिर्फ़ आईएसआईएस ही नहीं, बल्कि इराक़ी फ़ौज ने भी इन ड्रोन का इस्तेमाल मोसुल की लड़ाई में किया है. मगर सेना में इस्तेमाल होने वाले ड्रोन आम ड्रोन से अलग हैं