पेइचिंग
अगले महीने अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप एशियाई दौरे पर आएंगे और इस दौरान वह तीन दिन चीन में रहेंगे। लेकिन इससे पहले ही चीन अपनी जोड़-तोड़ की नीति में लग गया है। सोमवार को चीन ने यह पुष्टि कर दी है कि वह एक बार फिर भारत और अमेरिका के संयुक्त प्रयात को झटका देते हुए पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र में आतंकवादी घोषित करने से संबंधित प्रस्ताव को रोकेगा। चीन ने यह भी उम्मीद जताई है कि अमेरिका भी इस मसले पर किसी तरह का दबाव नहीं बनाएगा, क्योंकि यूएस को फिलहाल उत्तर कोरिया से निपटने के लिए चीन की जरूरत है।
अमेरिका ने इस साल जनवरी में फ्रांस और ब्रिटेन के समर्थन से मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित किए जाने के संबंध में नया प्रस्ताव पेश किया था। पेइचिंग ने दोबारा इस मामले को अगस्त तक तकनीकी रूप से रोक दिया था और इसे आगे 3 महीनों तक के लिए बढ़ा दिया था। यह तकनीकी रोक इस हफ्ते गुरुवार को खत्म हो रही है।
चीन का कहना है कि उसे ऐसी उम्मीद नहीं है कि अमेरिका ऐसे समय में उसपर मसूद अजहर के मुद्दे को लेकर दबाव बनाएगा, जब ट्रंप को उत्तर कोरिया जैसे संवेदनशील मुद्दे पर चीन की जरूरत है। बता दें कि भारत का कहना है कि चीन यह सब अपने करीबी देश पाकिस्तान का चेहरा संयुक्त राष्ट्र में बेनकाब होने से बचाने के लिए कर रहा है।
चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनियिंग ने कहा, ‘चीन ने इस मुद्दे पर तकनीकी रोक इसलिए लगाई ताकि सभी पार्टियों को विचार करने के लिए ज्यादा समय मिले। कमिटी अभी भी अपने निर्णय पर नहीं पहुंच सकी है। चीन की कार्रवाई इस समिति के अधिकार और प्रभावकारिता को सुनिश्चित करने के लिए होती हैं। यह समिति की प्रक्रिया और नियमों के अनुसार है। यह हमारी जिम्मेदारी को दिखाता है।’
विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने इस मौके पर एक बार फिर पाकिस्तान के समर्थन में कहा, ‘पाकिस्तान भी आतंकवाद का पीड़ित है और हम उसका समर्थन आतंकवाद से लड़ाई में कर रहे हैं। हमें लगता है कि समिति को निष्पक्षता और व्यावहारिकता के नियमों का पालन करना चाहिए और पुख्ता सबूतों के आधार पर ही किसी निष्कर्ष तक पहुंचना चाहिए।’