Home राज्य आतंकी कनेक्शन मिलने के बाद देवबंद में पासपोर्ट जांच रही पुलिस

आतंकी कनेक्शन मिलने के बाद देवबंद में पासपोर्ट जांच रही पुलिस

0
SHARE

मेरठ

उत्तर प्रदेश के देवबंद में लगातार आंतकी गतिविधियों की सूचनाओं के बाद अब यूपी पुलिस ने यहां संवेदनशील कस्बों में रहने वाले सभी लोगों के पासपोर्ट का वेरिफिकेशन करना शुरू कर दिया है। इसके साथ ही सहारनपुर और मुजफ्फरनगर जिलों में भी सारे पासपोर्ट की जांच शुरू की गई है।

उत्तर प्रदेश एटीएस ने हाल ही में दो बांग्लादेशी संदिग्धों को गिरफ्तार किया था। उनके पास देवबंद के पते का पासपोर्ट मिला था। सहारनपुर डीआईजी के एस इमेनुएल ने बताया कि लोकल इंटेलिजेंस यूनिट (एलआईयू) को भी इस पूरे अभियान में यूपी पुलिस के साथ शामिल किया गया है। इसके अतिरिक्त विदेशी छात्रों के दस्तावेजों की भी जांच की जाएगी। सैकड़ों विदेशी छात्र देवबंद के दारुल उलूम में पढ़ते हैं।

डीआईजी ने बताया कि यह चेकिंग अभियान सिर्फ देवबंद या किसी विशेष समुदाय के लिए नहीं है। मुजफ्फरनगर और सहारनपुर में भी यह अभियान चल रहा है क्योंकि यहां से भी आंतकी गतिविधियों की सूचनाएं आ रही थीं। जितने भी लोगों के पास पासपोर्ट है उन सभी के दस्तावेजों की जांच होगी। पिछले कई ऐसे उदाहरण हैं जब यहां के कई संदिग्ध की पहचान पर सवाल उठा है।

डीआईजी ने कहा कि अगस्त में मुजफ्फरनगर से एक बांग्लादेशी संदिग्ध आतंकी पकड़ा गया था। उसका पासपोर्ट सहारनपुर के पते पर बना था। पुलिस देश की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं कर सकती। इसलिए इन इलाकों के सभी पासपोर्ट रखने वाले लोगों के दस्तावेजों की जांच करेगी ताकि ऐसे लोगों को पकड़ा जा सके

अगस्त में ही यूपी एटीएस ने बांग्लादेशी नागरिक अब्दुल्ला अल मामून को पकड़ा था। वह आंतकवादी संगठन अंसर्रुल्ला बांग्ला टीम का सदस्य था। अब्दुल्ला देवबंद में पिछले कई वर्षों से रह रहा था। उसे मुजफ्फरनगर से गिरफ्तार किया गया था। उसके कई साथी भी बाद में इलाके से उठाए गए थे।

5 अक्टूबर को यूपी एटीएस ने एक भगौड़े आंतकवादी फैजान अहमद के लिए इलाके में मुनादी भी करवाई थी। फैजान पर आरोप है कि वह युवाओं को आंतकवादी संगठनों से जोड़ने का काम करता है। वह यूपी में ऐसा करने वाला एक प्रमुख शख्स है। एटीएस ने मुजफ्फरनगर से अब्दुल्ला मामून को गिरफ्तार किया था। उसके बाद सहानपुर में फैजान के घर में छापा मारा। एटीएस को फैजान के घर से आईएसआईएस का साहित्य मिला था।

पुलिस का दावा है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 20 बांग्लादेशी युवा अंसर्रुल्ला बांग्ला टीम के संपर्क में थे। ये सभी 20 बांग्लादेशी अब गायब हो गए हैं। हाल ही में राज्य सरकार ने भी प्रदेश के सभी जिलों के डीएम को ऐसे बांग्लादेशियों की पहचान करके उनके खिलाफ कार्रवाई करने को कहा था जो प्रदेश में अवैध तरीके से रह रहे हैं।

प्रमुख सचिव अरविंद कुमार की तरफ से सभी डीएम को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि उन अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाए जिन्होंने अवैध तरीके से रह रहे बांग्लादेशियों को देश का पहचान पत्र बनवाने में उनकी मदद की। पुलिस के अवैध तरीके से यहां रह रहे लोगों के फिंगरप्रिंट लेकर राज्य फिंगरप्रिंट ब्यूरो को भेजने को कहा गया है। साथ ही यह भी लिखा गया है कि अवैध तरीके से रह रहे इन लोगों को वापस भेजने की तैयारी शुरू कर दी जाए।

बरेली के एडीएम सिटी ओपी वर्मा ने बताया कि एलआईयू अधिकारियों को कहा गया है कि वे अवैध तरह से यूपी में रह रहे बांग्लादेशियों की एक लिस्ट तैयार करें। जब यह लिस्ट तैयार हो जाएगी तो ऐसे लोगों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी जिन्होंने इन गैर कानूनी तरह से रह रहे बांग्लादेशियों के यहां रहने के लिए दस्तावेज उपलब्ध कराए।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here