पटना
नोटबंदी की सालगिरह से महज दो दिन पहले ही कालेधन और टैक्स चोरी पर एक और खुलासा हुआ है। पनामा पेपर्स के बाद अब पैराडाइज पेपर्स के जरिए विश्व के 180 देशों के कई अमीर और शक्तिशाली लोगों के गुप्त निवेश की जानकारी मिली है, जिसमें बीजेपी के राज्यसभा सांसद रवींद्र किशोर (आरके) सिन्हा सहित 714 भारतीयों के नाम शामिल हैं। बिहार से सांसद आरके सिन्हा से जब इस बारे में मीडिया ने सवाल किया तो उन्होंने मौनव्रत धारण करने का इशारा किया।
दरअसल पैराडाइज पेपर्स उनके नाम होने के चलते जब मीडिया ने सवाल किया तो पहले तो उन्होंने सिर हिलाकर जवाब देने से मना कर दिया। इसके बाद पत्रकारों से एक पेन लेकर एक कागज में लिखा, ‘7 दिन के भागवत महायज्ञ में मौन व्रत है।’
2014 में बिहार से सांसद चुने गये आरके सिन्हा की गिनती पार्टी के अमीर नेताओं में होती है। पूर्व पत्रकार रवींद्र किशोर की कंपनी एसआईएस सिक्यॉरिटीज का नाम भी सामने आया है। दस्तावेज में दावा किया गया है कि इस कंपनी की विदेश में दो कंपनियां हैं। माल्टा रजिस्ट्री के रेकॉर्ड के मुताबिक एसआईएस सिक्यॉरिटीज की सहायक कंपनी एसआईएस एशिया पसिफिक होल्डिंग्स (SAPHL)2008 में माल्टा में रजिस्टर्ड हुई। सिन्हा की पत्नी रीत किशोर इस कंपनी की डायरेक्टर हैं। इसी के साथ एसआईएस इंटरनैशनल होल्डिंग्स लिमिटेड (SIHL) ब्रिटिश वर्जिन द्वीप समूह में शामिल है जिसके SAPHL में 3, 999,999 (करीब 40 लाख) शेयर हैं।
माल्टा रजिस्ट्री से मिले 13 अक्टूबर 2008 के डॉक्यूमेंट के अनुसार, SAPHL के प्रत्येक एक यूरो के करीब 1499 साधारण शेयर माल्टा की पीसीएल इंटरनैशनल होल्डिंग्स लिमिटेड से एसआईएस इंटरनैशनल होल्डिंग्स लिमिटेड में ट्रांसफर हुए थे। पैराडाइज पेपर्स में कुल 180 देशों के लोगों के नाम शामिल हैं जिसमें से भारत का नंबव19वां है। कुल 714 भारतीयों के नाम इसमें शामिल बताए जा रहे हैं। वर्तमान विमानन राज्यमंत्री जयंत सिन्हा के साथ महानायक अमिताभ बच्चन का नाम भी इस लिस्ट में शामिल है। अभी इस खुलासे से जुड़ी 40 और रिपोर्ट्स आनी बाकी हैं। पैराडाइज पेपर्स से 18 महीने पहले पनामा पेपर के जरिए ऐसा ही खुलासा हुआ था। उसमें भी कई बड़े नेताओं के नाम सामने आए थे।
मंत्री बनने से पहले छोड़ दी थी कंपन- जयंत सिन्हा
- पैराडाइज पेपर्स में नाम आने के पर केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने ट्वीट कर अपनी ओर से सफाई दी है। ट्वीट में उन्होंने लिखा कि मंत्री बनने से पहले उन्होंने डी.लाइट कंपनी छोड़ दी थी। बता दें कि ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की खबर के मुताबिक, जयंत सिन्हा और अमिताभ बच्चन समेत 714 भारतीयों ने टैक्स हेवंस कंट्रीज में इन्वेस्टमेंट किया है। रिपोर्ट में 180 देशों को शामिल किया गया है, इसमें शामिल नामों के लिहाज से भारत 19वें पायदान पर है।
- जयंत सिन्हा ने अपनी सफाई कि किए 6 ट्वीट
1) “मैं पूरा डिटेल इंडियन एक्सप्रेस को मुहैया करा चुका हूं। यह बेहद प्रतिष्ठित और व्यावहारिक रूप से किए गए कानूनी लेनदेन थे।”
2) “दुनिया की लीडिंग ऑर्गनाइजेंशंस में ओमिडियार नेटवर्क में पार्टनर और डी.लाइट बोर्ड में इसके डेजिग्नेटेड रिप्रेजेंटेटिव के तौर पर मेरी सार्थक भूमिका थी।”
3) “ये सभी ट्रांजेक्शन जरूरी खानापूर्ति के साथ संबंधित अथॉरिटी के सामने उजागर किए गए थे।”
4) “ओमिडीयार कंपनी छोड़ने के बाद मुझे डी.लाइट बोर्ड में एक इंडिपेंडेंट डायरेक्टर के तौर में काम जारी रखने के लिए भी कहा गया था।”
5) “केंद्रीय मंत्रिपरिषद में शामिल होने के समय मैंने तत्काल प्रभाव से डी.लाइट कंपनी बोर्ड से इस्तीफा दे दिया था, और कंपनी के साथ अपनी भागीदारी को छोड़ दिया था।”
6) “यह ध्यान देने वाली बात है कि यह लेनदेन डी.लाइट कंपनी के लिए एक ओमिडीयार रिप्रेजेंटेटिव के तौर पर किए गए थे। यह खुद के मकसद के लिए किया गया लेनदेन नहीं था।”