नई दिल्ली,
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को नोटबंदी का एक साल पूरा होने पर प्रेस कांफ्रेंस की. उन्होंने कहा कि ज्यादा कैश अर्थव्यवस्था के लिए ठीक नहीं है. नोटबंदी पर देश विदेश में चर्चा हुई है. अरुण जेटली ने कहा कि बीजेपी मानती है कि यह निर्णय देश के भविष्य के लिए काफी जरूरी कदम था.
अरुण जेटली ने कहा कि पिछले एक साल में बैंकों के पास पैसा बढ़ा है. उन्होंने कहा कि सिर्फ नोटबंदी से ही सबकुछ ठीक हो जाएगा ऐसा नहीं है, ये बस एक कदम है. नोटबंदी के फैसले से टेरर फंडिंग पर काफी रोक लगी है. उन्होंने कहा कि इस फैसले से हर कोई खुश हो ऐसा नहीं है.
वित्त मंत्री बोले कि सरकार ने आने के बाद एक के बाद एक कदम उठाए हैं. सरकार ने पहले एसआईटी बनाई, काले धन के खिलाफ एक्शन लिया, बेनामी संपत्ति पर कदम उठाए हैं. नोटबंदी ने एजेंडा को बदल दिया है, डिजिटल ट्रांजैक्शन बढ़े हैं.
प्रेस कांफ्रेंस में अरुण जेटली ने कहा कि लोकतंत्र में फैसले का विरोध करने वाले भी होते हैं. कांग्रेस की तरफ से नोटबंदी का काफी विरोध किया गया. 10 साल तक उनकी सरकार ने कुछ भी नहीं किया, लेकिन हमारी सरकार ने ढांचागत बदलाव किया है.
अरुण जेटली ने कहा कि कांग्रेस नोटबंदी को लूट बता रही है, लेकिन लूट तो 2जी-कोयला घोटाले और कॉमनवेल्थ के दौरान जो हुआ वो लूट थी. उन्होंने कहा कि नोटबंदी का एक साल पूरा होने पर पार्टी और सरकार इस फैसले के साथ खड़े हैं. हम लोग जिस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं उससे हम संतुष्ट हैं.
वित्त मंत्री ने कहा कि नोटबंदी लागू करने से पहले जो तैयारी होने चाहिए थी, सरकार ने पूरी तैयारी की थी. जेटली ने कहा कि मनमोहन सिंह को अंतरराष्ट्रीय रूप से भारत की अर्थव्यवस्था की तुलना करनी चाहिए. एक 2014 से पहले और 2014 के बाद. 2014 से पहले सरकार में फैसला लेने की कमी थी, जिसका असर अर्थव्यवस्था पर पड़ा था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अपने चेन्नई दौरे के दौरान डीएमके प्रमुख करुणानिधि से मिलने पर उन्होंने कहा कि राजनीति में कुछ काम ऐसे भी होते हैं जो राजनीति से ही परे होते हैं.