Home देश GST: अगला बदलाव 5 और 12 प्रतिशत वाले स्लैब्स में

GST: अगला बदलाव 5 और 12 प्रतिशत वाले स्लैब्स में

0
SHARE

नई दिल्ली

जीएसटी में बदलाव का अगला चरण कम रेट वाले स्लैब्स पर केंद्रित हो सकता है। जीएसटी में रेट्स के स्लैब्स को दो या तीन तक सीमित किया जा सकता है। जीएसटी सिस्टम में कुछ स्थायित्व आ जाने और पिछले सप्ताह किए गए परिवर्तन से राजस्व की तस्वीर ज्यादा साफ होने के बाद अगला बदलाव किया जाएगा।

इंडस्ट्री से मिले फीडबैक के आधार पर कानूनों, नियमों और प्रक्रियाओं को सरल करने का काम जीएसटी काउंसिल की अगली कुछ बैठकों का टॉप अजेंडा हो सकता है। सीमेंट और पेंट जैसे कुछ आइटम्स पर रेट अब भी 28% के सबसे ऊंचे स्लैब में है। अगर टैक्स रेवेन्यू जोरदार रहा तो ऐसे कुछ आइटम्स को भी निचले स्लैब में लाया जा सकता है।

एक राज्य सरकार के एक टॉप ऑफिशल ने कहा कि अब फोकस 12 प्रतिशत और 5 प्रतिशत के रेट स्लैब्स में बदलाव पर होगा। उन्होंने कहा कि रियल ऐस्टेट और पेट्रोलियम प्रॉडक्ट्स को जीएसटी के दायरे में लाने के मुद्दे पर भी काउंसिल विचार कर सकती है।सरकार ने इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों को शामिल कर एक ग्रुप बनाया है ताकि इस टैक्स सिस्टम की समीक्षा की जा सके। कई रेट्स होने और नियमों के पालन में मुश्किलों को लेकर जीएसटी लागू करने के तौर-तरीकों की आलोचना हो रही है।

पिछले हफ्ते गुवाहाटी में जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में किए गए बदलाव के निर्णय के बाद 18 प्रतिशत वाला स्लैब सबसे बड़ा हो गया है। तकरीबन आधी वस्तुएं और अधिकतर सेवाएं इस स्लैब के तहत आ गई हैं। गुवाहाटी मीटिंग में 178 आइटम्स को 28% से 18% वाले स्लैब में लाने का निर्णय किया गया था। साथ ही, रेस्ट्रॉन्ट्स पर जीएसटी को घटाकर सोमवार से 5 प्रतिशत करने का फैसला भी किया गया था। इन कदमों से टैक्स रेवेन्यू 20 हजार करोड़ रुपये कम हो जाएगा।

कुछ और वस्तुओं को 28% से 18% वाले स्लैब में लाने से रेवेन्यू का कहीं ज्यादा नुकसान हो सकता था। अधिकारियों ने कहा कि सीमेंट और पेंट को निचले स्लैब में लाने पर ही सरकार को 20 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के रेवेन्यू से हाथ धोना पड़ता। राज्य सरकार के अधिकारी ने कहा, ‘हमें रेवेन्यू की भी तो जरूरत है।’ हालांकि अंतत: 28% वाले स्लैब में लग्जरी प्रॉडक्ट्स और तंबाकू, शराब जैसी कुछ चीजें ही रह जाएंगी।

28% वाले स्लैब में एसी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन, वैक्यूम क्लीनर और डिजिटल कैमरे जैसी आम उपयोग की चीजें बची रह गई हैं। 28% वाले स्लैब में अभी 50 से ज्यादा आइटम्स हैं। मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन की अध्यक्षता वाली एक कमिटी ने 15 से 15.5 प्रतिशत के रेवेन्यू न्यूट्रल रेट का सुझाव दिया था। उसने सर्विसेज और अधिकतर वस्तुओं के लिए 17-18% रेट और लग्जरी गुड्स और तंबाकू जैसे आइटम्स पर 40% के नॉन-जीएसटी एक्साइज रेट की सिफारिश की थी। इसने आवश्यक वस्तुओं के लिए रेट 12% रखने की सलाह दी थी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here