नई दिल्ली
बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने आरक्षण पर अपनी मांग और तेज कर दी है। प्राइवेट नौकरियों में आरक्षण की मांग उठाने के बाद उन्होंने सोमवार को कहा कि वह चाहे मराठा हो या पटेल, हर किसी की आरक्षण की मांग के समर्थन में हैं। साथ ही उन्होंने महिला आरक्षण का भी समर्थन करते हुए लंबित बिल को संसद से पास कराने के लिए आम राय बनाने की अपील की है।
पिछले दिनों बिहार में सरकारी नौकरियों में आउटसोर्सिंग में आरक्षण देने के बाद नीतीश ने इस दिशा में अपनी पहल अचानक तेज कर दी, जिसके सियासी मायने भी माने जा रहे हैं। नीतीश ने संसद के अगले सत्र में प्राइवेट कंपनियों में आरक्षण की मांग पर बहस करने की सभी दलों से मांग की है।
‘गुजरात में बीजेपी ही जीतेगी’
नीतीश कुमार ने दावा किया कि गुजरात में नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बीजेपी को जीत मिलेगी। उन्होंने कहा कि जिस तरह से फीडबैक आ रहे हैं, उस हिसाब से वहां बीजेपी ही जीतेगी। नीतीश के इस बयान के बाद उनकी पार्टी जेडीयू के गुजरात में चुनाव लड़ने की संभावना कम हो गई है। सूत्रों के मुताबिक, उनकी पार्टी गुजरात में चुनाव नहीं लड़ेगी। इससे पहले जेडीयू ने कहा था कि जहां पार्टी का जनाधार पहले से ठीक रहा है, वहां वह इस बार भी चुनाव लड़ेगी। लेकिन नीतीश के बयान के बाद संभव है कि पार्टी चुनावी जंग से खुद को बाहर कर ले। इससे पहले भी जेडीयू यूपी विधानसभा चुनाव से अंतिम समय में दूर हो गई थी।
केंद्र से नाराज हैं?
नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार के ऊर्जा मंत्रालय के प्रति अपनी नाराजगी भी सार्वजनिक की है। दरअसल, बिहार में देश के सभी ऊर्जा मंत्री का दो दिनों का सम्मेलन होना था। नीतीश ने कहा कि अंतिम समय में सम्मेलन का रद्द किया जाना अव्यवहारिक था और इससे असहजता की स्थिति पैदा हुई है। नीतीश ने कहा कि मुझे भी इसमें शामिल होने के लिए भारत सरकार के राज्य मंत्री का पत्र मिला था। आयोजन होता तो अच्छा होता। सूत्रों के अनुसार, नीतीश इस बात को लेकर भी नाराज हैं कि उन्हें इसकी सूचना लेटर से मिली और केंद्र सरकार के किसी जिम्मेदार लोगों ने इसका कारण नहीं बताया। सूत्रों के अनुसार, इस कार्यक्रम में सोनू निगम का भी शो होना था और वे अपनी टीम के साथ पटना भी आ चुके थे। ऐसे में बिहार सरकार को उन्हें भुगतान करना होगा।