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अमेरिकी पेपर ने साड़ी को हिंदू राष्ट्रवाद से जोड़ा

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नई दिल्ली

अमेरिका के प्रतिष्ठित अखबार न्यू यॉर्क टाइम्स को एक लेख में भारतीय परिधान साड़ी को हिंदू राष्ट्रवाद से जोड़े जाने पर लोगों के गुस्से का शिकार होना पड़ा है। सोशल मीडिया पर सभी राजनीतिक विचारधाराओं के लोग न्यू यॉर्क टाइम्स के इस लेख को लेकर उस पर निशाना साध रहे हैं। इस लेख में महिलाओं के लिए शिष्ट परिधान माने जाने वाले साड़ी को हिंदू रंग देने को लेकर लोग अखबार के साथ ही आर्टिकल लिखने वाले पर भी हमला कर रहे हैं।

साड़ी को भारत में बड़े पैमाने पर महिलाएं पहनती हैं, इसके अलावा बांग्लादेश और पाकिस्तान में भी साड़ी का प्रचलन है। न्यू यॉर्क टाइम्स में असगर कादरी ने अपने लेख में दावा किया है कि 2014 में नरेंद्र मोदी के पीएम बनने के बाद से साड़ी को हिंदू राष्ट्रवाद के प्रतीक चिह्न के तौर पर प्रोत्साहित किया जा रहा है। यही नहीं कादरी ने यह भी दावा किया कि भारतीय फैशन इंडस्ट्री पर भी पश्चिमी परिधानों को तवज्जो न देने का दबाव है।

तथ्यों और तर्कों के पैमाने पर बेहद कमजोर इस स्टोरी के लिए देश की कई जानी-मानी हस्तियों ने न्यू यॉर्क टाइम्स पर निशाना साधा है। एनडीटीवी की पूर्व पत्रकार माया मीरचंदानी ने इस रिपोर्ट को हास्यास्पद करार दिया है, जबकि चर्चित स्तंभकार कंचन गुप्ता ने ट्वीट किया, ‘हास्यास्पद और इस तरह की झूठी रिपोर्ट न्यू यॉर्क टाइम्स में ही प्रकाशित हो सकती है। साड़ी को हिंदू राष्ट्रवाद से जोड़ना सत्य से छेड़छाड़ है। यही सत्य को नकारना ही नहीं बल्कि उसे गलत से ढंग से परोसने जैसा है।’

मेहर तरार ने कहा, पूर्वी दुनिया का बेहतरीन परिधान है साड़ी
मोदी सरकार के आर्थिक सलाहकार ने कहा, ‘अब अपने पारंपरिक परिधानों को पहनना कट्टरता हो गया है। भविष्य में हॉट डॉग की बजाय डोसा, बिरयानी या चाट खाना भी अस्वीकार्य हो जाएगा। हमारी जीवनशैली पर कुत्सित हमला।’ वहीं साड़ी को अपनी पसंदीदा ड्रेस बताते हुए पाकिस्तानी पत्रकार मेहर तरार ने लिखा, ‘औपचारिक तौर पर अपनी पूरी व्यस्क जिंदगी में साड़ी पहनी है। जब तक मैं अपने पैरों पर खड़ी हो सकूंगी, साड़ी पहनूंगी। यह पूर्वी दुनिया का एक बेहतरीन परिधान है।’

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