नई दिल्ली/गुरुग्राम
रायन इंटरनैशनल स्कूल के प्रद्युम्न हत्याकांड में एक बड़ा मोड़ आया है। सीबीआई ने रायन ग्रुप ऑफ इंस्टिट्यूशन के मालिक पिंटो परिवार की जमानत याचिका का विरोध किया है। सीबीआई ने पिंटो परिवार (रायन इंटरनैशनल स्कूल के 3 ट्रस्टियों) की कस्टडी की डिमांड की है। सीबीआई ने कहा है कि अब इस मामले की जांच अहम मोड़ पर है और पिंटो परिवार की भूमिका को खारिज नहीं किया जा सकता। सीबीआई ने कहा है कि इस मामले में पिंटों परिवार की भूमिका की जांच जरूरी है।
पिंटो परिवार की जमानत अर्जी पर सुनवाई के लिए पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट ने 17 नवंबर की तारीख दी थी। पूरे देश को हिलाकर रख देने वाले इस केस में स्कूल प्रशासन पर भी सवाल उठे थे और पिंटो परिवार को आरोपी बनाया गया था। स्कूल में सुरक्षा इंतजामों को लेकर स्कूल सवालों के घेरे में था।
इस केस में 6 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने पिंटो परिवार को अंतरिम जमानत देते हुए पंजाब और हरियाणा कोर्ट को 10 दिनों के अंदर फैसला लेने का निर्देश दिया था। अंतरिम जमानत मिलने के दो दिन बाद यानी 8 नवंबर को सीबीआई ने रायन इंटरनैशनल में ही पढ़ने वाले 11वीं के स्टूडेंट को आरोपी बनाया था। सीबीआई के मुताबिक, पढ़ाई में कमजोर आरोपी छात्र ने परीक्षा और पीटीएम टलवाने के लिए प्रद्युम्न ठाकुर की हत्या की।
छात्र को आरोपी बनाए जाने के बाद माना जा रहा था कि सीबीआई ने एक तरह से हत्या के कुछ ही घंटों बाद हरियाणा पुलिस द्वारा आरोपी बनाए गए कंडक्टर अशोक को क्लीनचिट दे दी थी, लेकिन गुरुवार को कोर्ट में हुई सुनवाई में कंडक्टर को जमानत नहीं मिली। सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि उसने अभी तक किसी को क्लीन चिट नहीं दी है। अभी तक चार्जशीट दायर न होने की वजह से कंडक्टर की जमानत मुश्किल नजर आ रही है। अब कोर्ट ने कंडक्टर की जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए 20 नंवबर की तारीख तय की है।
प्रद्युम्न के परिवार के वकील सुशील टेकरीवाल ने कहा कि CBI ने स्पष्ट तौर पर कोर्ट को बता दिया है कि उसने इस मामले में अबतक किसी को भी क्लीन चिट नहीं दी है। हालांकि CBI ने कोर्ट को यह भी बताया है कि अबतक की जांच में प्रद्युम्न की हत्या में अशोक के शामिल होने के संबंध में कोई जानकारी नहीं मिली है। CBI ने कहा कि अगर जांच के दौरान किसी तरह का सबूत मिलता है तो कार्रवाई की जाएगी।